पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१६६

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उत्खात उत्तर -फेलिः, (स्त्री०) कीड़ा के लिये सींग या हाथी | उस्तर ( वि० ) १ उत्तर दिशा का उत्तर दिशा में के दाँत से ज़मीन को खोदना । [शमीम | 1 1 उत्खातं ( न० ) १ रन्ध गुफा २ ठवाव उत्खातिन ( वि० ) विषम ऊँची नीची असत उत्त (वि० ) भींगा हुआ। नम तर उसंसः ( पु० ) १ शिला चोटी सीसफूल | २ कान की बाली था सका। 1 उत्तसित (वि० ) कानों में वाली पहिने हुए। चोटी पर रखे या पहिने हुए। [(नद या नदी) उत्तर (वि० ) सटों के ऊपर निकल कर बहने वाला। उत्तप्त ( व० कृ० ) जला हुआ गर्म सूखा | शुष्क | उत्तप्तम् ( ४० ) सूखा मांस | 1- उपचा २ उच्चतर । अपेक्षा कृत ऊँचा ३ पिछला बाद का। पीछे का अगला अन्त का ४ योँचा | २ उत्कृष्ट मुख्य सर्वोतम ६ अधिकतर ७ सम्पन्न युक्त अन्वित ८ पार होने को पार उतारने कोअर ( चि० ) उच्चतर मीचतर । - अधिकारः, ( पु० ) - अधिकारिता, (खी० ) -- अधि कारित्वं, (न० ) सम्पत्ति पाने का हक़ । पारि- सपन।अधिकारिन्, ( पु० ) उत्तराधिकारी । बारिस । --अयनं, ( न० ) उत्तरी मार्ग | वे छः मास जिनमें सूर्य की गति उत्तर की ओर मुकी हुई होती है। मकर से मिथुन के सूर्य तक का छः मास का समय।-अर्ध (न०) १ शरीर का नाभि के ऊपर का आधा भाग २ उत्तरी भाग । ३ पूर्वार्ध का उल्टा । पहिला भाग -ग्रह, ( पु० ) अगला दिन | आने वाला कल /- आभासः, ( पु० ) भ्रम पूर्ण उत्तर या जवाब 1 --प्रशा. ( श्री० ) उत्तर दिशा -आशा- धिपतिः, आशापतिः, ( पु० ) कुबेर | --प्राषाढ़ा ( स्त्री० ) २१ व नक्षत्र /- आसङ्ग ( पु० ) ऊपर पहिनने का वस्त्र 1- इतर. ( वि० ) दक्षिण | दक्षिण का इतरा, ( श्री० ) दक्षिण दिशा उत्तर, ( वि० ) अधिक अधिक सदा बढ़ने वाला -- उत्तरं, (न०) जवाव । -प्रोष्टः (=उत्तरौष्ठः या उत्तरोष्ठः ) (5०) ऊपर का ओठ-काण्डम् ( न० | श्री महाल्मीकि रामायण का सातवाँ काण्ड । -कायः, (पु०) शरीर का ऊपरी भाग । -कालः, ( पु० ) आगे आने वाला समय --- कुरु, (पु०) (बहुवचन ) पृथिवी के नौ खण्डों में से एक। उत्तरकुर का प्रदेश - कोसलाः, (पु० बहुवचन ) अयोध्या के आस पास का देश - क्रिया, ( श्री० ) शवदाह के अनन्तर मृतक के निमित्त होने वाला कर्म 1-इदः, ( पु० ) चादर चद्दर | पलंगपोश - ज्योतिषाः, ( पु० बहु० ) पश्चिम दिशा का एक देश -दायक, ( वि० ) अवज्ञाकारी । नाफर्माबरदार । 7 - उत्तम (वि०) १ सर्वोच्च के आगे सब के ऊपर सब से ऊँचा | ३ अत्युच मुख्य । प्रधान ४ सब से बड़ा । प्रथम - अङ्गम् ( न० ) शिर । सिर । अधम्, (वि० ) ऊँचा नीचा |-अर्ध: ( पु० ) सव से आधा भाग २ अन्तिम अर्धभाग | --अहः, ( पु० ) अन्तिम या पिछला दिवस । सुदिन | शुभ दिन (ऋगाः, ऋणिका, ( उत्तम: ) ( पु० ) महाजन | कई देने वाला।। (अधमर्गा कर्जदार का उल्टा )- पुरुषः पुरुषः, (पु० ) १ (व्याकरण में) फर्ता । २ परमेश्वर ३ सब से अच्छा आदमी। -श्लोक, (वि० ) सर्वोत्कृष्ठ कत्तिसम्पन्न | आदर्श महिमाम्बित । प्रसिद्ध साहसः, ( ५० ) -- साहसम्, ( न० ) सब से अधिक जुर्माना या अर्थवगड । एक हज़ार ( और किसी किसी के मतानुसार ) अस्सी हज़ार पण का जुर्माना | [ पुरुष। उत्तमः (पु० ) १ विष्णु भगवान का नाम । २ अ उत्तमा ( बी० ) सब से अच्छी स्त्री । उत्तमीय (वि० ) सब से ऊपर सब से ऊँचा सर्वोत्तम । मुख्य प्रधान । उत्तंभः उत्तम्भः उत्तंभनम् उत्तम्भनम् ( पु० ) ) १ सहारा | रोक धाम | पु० ) { २ थुनुकिया। ३ रोक | ( न० पकड़ न०