पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१५८

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इभी छोटी सन्तान 1-पोतः, ( पु० ) हाथी का बचा-युवनिः (खी० ) हथिनी | इसी (सी० ) हथिनी | इभ्य (वि० ) धनी | धनवान | इभ्यः ( पु० ) १ राजा २ महावत । इभ्यक ( दि० ) धनी धनवान | इभ्या (सी० ) हथिनी । इयत् (वि०) इतना इतना बड़ा इतने विस्तार का। इयत्ता ( श्री० )। सीमा। परिमाण माप । इयत्वं ( न० ) ) इरएं ( न० ) १ ऊसर भूमि लुनई ज़मीन । २ वियावाम | उजार | इरंमदः ( पु० ) १ बिजली की कड़क था कौंधा। वह आग जो बिजली गिरने पर प्रकट होती है। बज्राझि २ बड़वानल इरा ( स्त्री० ) १ पृथियो । २ बासी ३ वायी की | अधिष्ठात्री देवी सरस्वती ४ जल ५ भोज्य पदार्थ ६ मदिरा |-ईशः, (पु० ) वरण | विष्णु | गणेश |--वरं, (न० ) ओला। पत्थर जो बादल से बरसते हैं। इरावत् ( पु० ) समुद्र | सागर । इरियां (न० ) तुनही ज़मीन इर्वालु }( वि० ) नाशक । हिंसक इवाखः } ( पु० स्त्री० ) ककड़ी । कर्कटी इल् ( धा० पर० ) [ इलति, इलित ] : चलना। ● . डोखना। हिलना । २ सेोना ३ फेंकना | भेजना। डाल देना । इला ( स्त्री० ) १ पृथिवी | २ गौ। ३ वाणी --- -गोलः, (पु० ) गोलं. ( न० ) पृथिवी । भूगोल-धरः, ( पु० ) पहाड़ | इलिका (स्त्री० ) पृथिवी । इत्वकाः इल्वला: S ( बहुवचन ) मृगशिरसू नक्षत्र इच ( अव्यया० ) १ जैसा २ गोया | ३ कुछ थोड़ा | कुछ कुछ। शायद । कदाचित् । इष् (धा० पर० ) [ इच्छति इष्ट ] चाहना | कामना करना । २ सुनना पसंद करना ३ प्राप्त इष्टापूर्तम् करने के लिये प्रगलवान होना होना। रज़ामन्द होना। सहमत होना । इषः (5०) १ शक्तिशाली । वळवान् | २ आश्विनमास इषिका) स्त्री० ) १ नरकुल सींक २ बाण | इपीका ) [1] इपिरः (पु० ) अझि । धनुष । २ धनुषधर । इपुः (g० ) १ तीर | रं पाँच की संख्या का सङ्कत। -अमं, अनीकं. (न० ) तीर की नोक 1- असनं, अखं, (न० ) कमान धनुष- आसः, ( पु० ) १ ३ योद्धा ।कारः, कृत्. ( पु० ) धनुष बनाने वाला /-धरः, भृत्. ( पु० ) धनुर्धर | पथः - विक्षेपः, ( पु० ) तीर छोड़ना । तीर की शिश्त -प्रयोगः ( पु० ) तीर - चलाना । इघुधिः ( पु० ) तरकस | तूणीर | इष्ट ( ० ० ) अनुकूल अभिलषित । चाहा गया। ३ पूज्य २ प्रिय | प्यारा । प्रेमपात्र | कृपापात्र मान्य | ४ यज्ञ किया हुआ यज्ञ में पूजन किया हुधा। इष्टः ( पु० ) प्रेमी | आशिफ पति । इष्टम् ( न० ) १ कामना । अभिलाषा ( २ संस्कार | ३ यज्ञादि कर्मानुष्ठान (अव्यया० ) अपने इच्छा से अपने आप स्वेच्छ्रतया । इष्टका (स्त्री० ) ईंट | खपरैल -न्यासः ( पु० ) नींव रखना पथः, ( पु० ) ईटों की art सड़क । इष्टदेवः ( पु० ) ) इटदेवता (श्री०) - अपना देवता विशेष | इश ( स्त्री० ) शमी वृक्ष बैंकुर का पेड़ इष्टार्थः (पु० ) अभिलषित पदार्थ श्वापत्तिः (बी० ) अभिलषित कार्य का होना । प्रतिबादी के अनुकूल बादी का कथन या वयान । यथा- "दोपान्तरमा " इष्टापूर्तम् (न० ) यज्ञादि अनुष्ठान | कूप, बावली खुदवाना, वृचादि रोपण करना, ( धर्मशालादि, परोपकारी कार्य करना ।)