पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१३५

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आम् श्राद ( आदरां (न० ) आदर सस्कार | आदर्श: ( पु० ) १ दर्पण आईना | २ मूल ग्रन्थ जिससे नफूल की जाय। नमुना | बानगी । ३ प्रतिलिपि । ४ टिप्पणी टीका भाष्य विवरण | अर्थ | आदर्शकः (पु० ) दर्पण आईना। शीशा। आदर्शनम् (न० ) १ दिखावट दिखाने के लिये सजावट २ दर्पण | आदित्यः (पु० ) अदिति पुत्र देवता | २ द्वादश आदित्य । ३ सूर्य। भास्कार । ४ विष्णु का पांचवा अवतार /- मराडलं. (न०) सूर्य का घेरा - सुनुः (१०) १ सूर्यपुत्र | २ सुग्रीव का नाम | ३ यम ४ शनिग्रह | २ क का नाम । ६ साव नाम के मनु | ७ वैवस्वत मनु । आदिनवः ( पु० आदीनच (पु० यादिनवम् न० श्राद्हनम् ( न० ) १ जलन | २ चोट | ३ हनन | ३ |आदनियम् ( ८० तिरस्कार । गरियाना ! ४ क़वरस्तान | २ श्मशान | | धादिम (वि० ) प्रथम | आदिकालीन । असली । आदानं (न०) १ ग्रहण । स्वीकृति | पकड़ | २ आर्जन || श्रादीपनम् (न०) १ आग में जलाना। २ भड़काना । ३ किसी उत्सव के अवसर पर दीवाल की पुताई और फर्श की लिपाई 1 प्राप्ति । ३ ( रोग का ) लक्षण | श्रादायिन् (वि० ) लेना । प्राप्त करना । आदि (वि० ) १ प्रथम प्रारम्भिक आदि कालीन । २ मुख्य | प्रधान । प्रसिद्ध । ३ आदिकाल का। ~~ग्रन्त (वि० ) जिसका आरम्भ और समाप्ति हो । शुरू और अखीर बाळा। अतं, (न० ) | आरम्भ और समाप्ति । कर, कर्तु, कृत् (१०) सृष्टिकर्ता ब्रह्म की उपाधि विशेष ध्यादेवनम् ( न० ) १ जुआ । २ जुआ का पांसा | ३ श्रत (व० कृ० ) सम्मानित | आदर किया गया। श्रादेशः ( पु० ) ४ श्राहा | हुक्म । २ निर्देश । नियम | चौसर की वित ४ जुआ।घर । २ वर्णन | सूचना | विज्ञप्ति | ४ भविष्यवाणी | ५ व्याकरण में अक्षरपरिवर्तन | कविः, (पु०) ब्रह्म और बाल्मीकि की उपाधि | आदेशिन (वि०) १ आशा देने वाला १ हुक्म देने वाला । २ उभाड़ने वाला। उकसाने वाला । ( पु० ) १ आज्ञा देने वाला सेनापति । २ ज्योतिषी । आय (वि० ) १ प्रथम प्राथमिक २ सर्वप्रधान | मुख्य अगुआ। -कविः ( पु० ) वाल्मीकि आद्या (स्त्री०) दुर्गा की उपाधि । २ मास की प्रथम तिथि। विशेष -काग्रडं, (न०) वाल्मीकि रामायय का प्रथम अर्थात् बालकाण्ड / कारणं, (न०) सृष्टि का मूलकारण सांख्ययाले प्रकृति को और नैयायिक पुरुष को आदिकारण मानते हैं ।-काव्यं ( न० ) वाल्मीकि रामायण |~-देवः ( पु० ) 1 नारायण या विष्णु २ सूर्य ३ शिव-दैत्यः ( पु० ) हिरण्यकशिपु की उपाधि |--पर्वन् (न० ) महाभारत के प्रथमपर्व का नाम पुरुषः, या - पूरुषः, ( पु० ) विष्णु नारायण ।-बलं, ( न० ) जनन शक्ति /-भवः ( पु० ) १ ब्रह्मा की उपाधि । २ विष्णु का नाम । ३ ज्येष्ठ भ्राता (~मूलं, (न० ) आदिकारण । वराहः ( पु० ) विष्णु भगवान की उपाधि । --शक्तिः ( श्री० ) माया की सामर्थ । दुर्गा की उपाधि | - सर्गः ( पु० ) प्रथम सृष्टि । | आयं (०) १ आरम्भ | २ अनाज | भोज्य पदार्थं । प्राधून (वि०) निर्लज्जता पूर्वक बेशर्मी से। २ पेटू। मरभुका भूखा। बुभुक्षित | श्राद्योतः ( पु० ) प्रकाश चमक। श्राधमनम् ( न० ) १ अमानत | बंधक | २ बिक्री के माल की बनावटी चढ़ी हुई दर आधर्मण्यं ( ० ) दारी। आधर्मिक (वि० ) बेईमान | अन्यायी । आधर्षः (५०) १ तिरस्कार | २ बरजोरी की हुई चोट आघर्षणम् ( न० ) १ सज़ा । दण्ड | २ खण्डन ३ चोटिल करना । 1 ( १२८ ) आदितः ( अन्यथा० ) प्रथमतः । अव्वलन | आदौ आदितेय: ( पु० ) अदिति के सन्तान २ देवता। 9 दुर्भाग्य बदकिस्मती । विपत्ति । २ अपराध । दोष