पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१२८

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आक्रोश. आक्रोशः (पु० आकोशनम् (२० 8 पुकार | चिल्लाहट । २ धिकार कलङ्क भर्त्सना | गाली । ३ शाप । अकोसा ४ शपथ । सौगंद। दः (पु० ) नमी | तरी ।। प्राततिक (वि० ) [ स्त्री० --प्राचधूतिकी ] जुए से समाप्त किया हुआ । जुए से उत्पन्न ( विरोध या बैर) (न० ) व्रत उपवास | छोड़ावारी । आक्षपाटिक (पु०) १ जुए खाने का प्रवन्ध कर्ता । जुए की हार जीत का निर्णायक | २ न्यायकर्ता | निर्णायक | ( १२१ ) आक्षपाद ( वि० ) [ स्त्री०- आतपादी ] अक्षपाद या गौतम का सिखलाया हुआ। (०) न्यायशास्त्रवादी नैयायिक आचार: (पु० ) आरोप | अपवाद दोषारोप ( विशेष कर व्यभिचार का ) आख्यात आक्षेपकः (5० ) १ फैकने वाला | २ चित्त विशेष- कारक | ३ आक्षेप करने वाला दोषी ठहराने ३ वाला । ३ शिकारी। पणम् (०) फैकाव उच्चा (पु०) अखरोट का वृक्ष | तारणम् (नृ० ) ) कलङ्क | अपवाद । ( व्यभि आचारणा (श्री० ). धार के लिये ) रोपण | छोट प्रताड : आडनम् (न०) शिकार | आखः, आखनः (पु०) कुदाली । लकड़ी की फावड़ी। आखण्डलः (पु० ) इन्द्र | खनिकः (०) : बेलदार । खानि खोदने वाला । २ चूहा / ३ सूचा | शूकर ४ चोर २ कुदाल । प्रखर (५०) १ कुदाल | २ बेलदार | खानि खोदने वाजा। आखातः ( पु० ) आखातम् ( न० ) हुआ न हो । दोषाः (१०) १ वह जो चारो ओर खेड़दे । २ कुदाल | ३ बेलदार । झील ऐसा जलाशय जो 5 किसी मनुष्य का बनाया ३ शूकर | ४ कुदाल आरित ( ० ० ) १ कललित | वदनाम किया | धातुः (पु० ) १ चूहा घूस हूँ दर २ घोर | २ कंजूस उत्करः, ( पु० ) चल्मीकि । मृतिकाकूट । -उत्थं, ( न० ) चूहों का समुदाय ः-पत्रः- रथः, चाहनः, ( पु० ) श्रीगणेश जी की उपाधि जिनका वाहन चूहा है ।-घातः, ( पु० ) शुद्ध | बोम पाषाण (पु० ) चुम्बक पत्थर |--भुज, -भुजः, ( पु० ) विला। विलार। हुआ। २ दोषी । अपराधी व्यक्षिक (वि० ) [ स्त्री० आक्षिकी ] १ पांसों से जुआ खेलने वाला। २ जुए से सम्बन्ध युक्त । आत्तिकम् ( न० ) १ जुए में प्राप्त धन १२ जुए में किया हुआ ऋण ! आक्षिप्तिका ( श्री० ) वान या राग विशेष जो किसी अभिनयपात्र द्वारा उस समय गाया जाय, जिस समय वह रंगमय के समीप पहुँचे। आतीव (दि० ) 1 थोड़ा नशा पिये हुए । २ मद- माता। नशे में चूर प्रक्षेप: ( पु० ) दूर का फिकाव उछाल खिंचाव अपहरण । २ क्टूक्ति। धिक्कार । कलङ्क | गाली । ताना । प्रगल्भ भर्त्सना । ३ वित्त विशेष | प्रलो- भन । घरोचन १ ४ लगाव । चढ़ाना (रंग जैसे) । | आखोटः (g० ) अखरोट का वृष । विवर। गुफा | आखेटक आखेटकम् (२० )) आखेटकः (go ) शिकारी । ५ किसी ओर सङ्केतकरण । (किसी शब्द का अर्थ ) मान लेना । ६ परिणाम निकाल लेना । ७ अमानत | जमा | धरोहर |८ आपत्ति | सन्देह । ६ ध्वनि | व्यंग्य | आखेटकः ( पु० ) शिकार । अहेर 1- शीर्षक, ( न० ) १ चिकना फर्श या कृमीन । २ खान | (वि० )} शिफार | भृगया । आाख्या ( स्त्री० ) १ नाम | उपाधि | आख्यात (च० कृ० ) १ कथित । कड़ा हुआ । उक्त | २ गिना हुआ है पड़ा हुआ 1.. ३ जाना श०] कौ०