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पृष्ठम्:संस्कृत-हिन्दी शब्दकोशः (चतुर्वेदी).djvu/१२७

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प्रकिचन ( १२० ) आकुटम् ब्रह्म। --गः, ( पु० ) पक्षी (गा, (स्त्री० ) | टिः (स्त्री० ) १ खिंचाव | आकर्षण | २ माध्या आकाशगंगा । -चमसः ( पु० ) चन्द्रमा जनिन्. ( पु० ) खिड़की । भरोसा । दीपः-प्रदीपः, (ए० ) ऊँची बली पर लटका कर जो दीपक कार्त्तिक मास में भगवान लक्ष्मी नारायण की प्रसन्नता सम्पादनार्थ अलाया जाता है उसे आकाशदीप कहते हैं। -भाषितं, (न० ) किसी नाटक के अभिनय में कोई पात्र जब विना किसी अभकर्ता के आकाश की ओर देख कर आप ही आप प्रश्नकर्त्ता और आप ही उसका उत्तर देता है | तब ऐसे प्रश्नोत्तर को आकाशभाषित कहते हैं। - यानं, (न०) व्योमयान। विमान ऐरोप्लेन । -रक्षिन्, राजप्रसाद की चार दीवाली पर का चौकीदार | वाणी (स्त्री० ) देववाणी । वह वाणी जिसका बोलने वाला न देख पड़े। - मण्डलं (न०) नभमण्डल |~-कटिकः, (पु०) | आक्रमः ( पु० ) कर्पण । ३ ( धनुप का ) टानना । कर (वि० ) अधमुँदा अकोर: ( पु० ) मकर राशि | कन्दः (पु० ) १ रुखन | रोना। चीखना | २ तुलाना आह्वान करना। ३ शब्द । चीन ४ मित्र । कर्ता २ भाई ६ घेोर संग्राम युद्ध ७ रोने का स्थान |८ कोई राजा जो अपने मित्र राजा को अन्य राजा की सहायता करने से रोके । आक्रन्दनम् ( न० ) १ विलाप । रुदन | २ बुलाहट। प्राक्रन्दिक (वि० ) रोने का शब्द सुन रोने के स्थान पर जाने वाला। ३ आकन्वित ( ० ० ) ३ गर्जता हुआ | फूट फूट कर रोता हुआ । २ आह्वान किया हुआ। आकन्दितम् (५०) चिहाहट गर्जन | दहाद। नाद । 11 समीप आगमन | इम्ला । आक्रमणम् (४० ) ) श्राक्रमण । ३ घेरना । कब्ज़ा करना प्राप्त करना। पकड़ लेना । १ श्रोले । आकिंचनं किञ्चनं आकिंचन्यं । -दरिद्रता धनहीनता | ग़रीबी | प्राकिञ्चन्यं, (०० ) बिखरा हुआ फैला हुआ। व्यास | आकुञ्चनम् ( न० ) सिकोइन । मोडून समेदन | करने की क्रिया । फैले हुए केर एकत्र याकुल ( वि० ) परिपूर्ण । २ व्यग्र ४ विह्वल कातर ● व्याप्त | सङ्कल भरा हुआ। व्यस्त ३ उद्दिश क्षुध । अस्वस्थ छाप लेना छा लेना । ६ मारी बोझ से लाद देने की क्रिया । प्राकृतिः (स्त्री०) १ बनावट गठन | ढांचा अवयव विभाग | २ मूर्ति रूप ३ चेहरा मुख ४ चेष्टा २२२ अक्षरों का एक वर्णवृत्त । प्राकृतिकृता ( श्री० ) धौसा नाम की एक लता । कान्त ( ० ० ) १ पकड़ा हुआ । अधिकार में लिया हुधा | २ पराजित | हराया हुआ। छिका हुआ ग्रसित ३ प्राप्त अधिकारमुक्त। आकान्तिः (स्त्री०) १ पदार्पण | रूपना छेकना । २ दबाव । जवि | ऊपर रखना पकडून ३ चढ़न। आगे निकल जाने की क्रिया ४ शक्ति | सामर्थ्य बल। [ करने वाला। प्राकुलं ( न० ) बाबादी आबाद जगह | आक्रमकः ( पु० ) थाक्रमण करने आफुलित ( वि० ) दुःखी। व्यग्र | उहिग्न । विह्वल आक्रोड: ( पु० ) ) १ खेल | आकुणित (वि०) कुछ कुछ सकुड़ा हुआ कुछ कुछ | व्याकीडम् ( न० ) ) [आनन्द | २ सिमटा हुआ | क्रीडावन लीलोयान । रमना । याकृतं ( न० ) १ आशय | अभिप्राय | २ भाव | ३ | आश्चर्य ४ इन्छा वान्छा वाला । हम्ला दिलबहलाव | प्रमोद-कानन । आकुष्ट ( ३० ० ) १ तिरस्कृत । डाँटा खपटा हुआ। निन्दा किया हुआ। धिक्कारा हुआ । २ अकोसा हुआ। शापित | ३ चिलाया हुआ । गर्जना किया हुआ। आक्रुटम् ( न० ) १लावा | बुलाहट । २ मखर शब्द। गाली गलौज भरी हुई वक्तृता या कथन ।