पृष्ठम्:श्रीविष्णुगीता.djvu/१७६

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( ४ ) (५) जो धर्मसभा इस धर्मकार्य में सहायता करना चाहे और जो सज्जन इस ग्रन्थमालाके स्थायी ग्राहक होना चाहे वे मेरे नाम पत्र भेजनेकी कृपा करें। गोविन्द शास्त्री दुगवेकर, अध्यक्ष शास्त्रप्रकाश विभाग। श्रीभारतधर्म महामण्डल प्रधान कार्यालय, जगत्गंज, बनारस। इस विभाग द्वारा प्रकाशित समस्त धर्मपुस्तकोंका विवरण । सदाचारसोपान । यह पुस्तक कोमलमति बालक बालि- काओंकी धर्मशिक्षाके लिये प्रथम पुस्तक है । उर्दू और बंगला भाषामें इसका अनुवाद होकर छपचुका है और सारे भारतवर्ष में इसकी बहुत कुछ उपयोगिता मानी गई है। इसकी पांच आवृत्तियां छपचुकी हैं । अपने बच्चोंकी धर्मशिक्षाके लिये इस पुस्तकको हर एक हिन्दुको मँगवाना चाहिये। मूल्य) एक आना। कन्याशिक्षासोपान । कोमलमति कन्याओंकी धर्मशिक्षा देनेके लिये यह पुस्तक बहुत ही उपयोगी है । इस पुस्तककी बहुत कुछ प्रशंसा हुई है। इसका बंगला अनुवाद भी छप चुका है । हिन्दु मात्रको अपनी अपनी कन्याओंको धर्मशिक्षा देनेके लिये यह पुस्तक मँगवानी चाहिए। धर्मसोपान । यह धर्मशिक्षाविषयक बड़ी उत्तम पुस्तक है। वालकोंको इससे धर्मका साधारण ज्ञान भली भांति हो जाता है। यह पुस्तक क्या बालक बालिका, क्या वृद्ध स्त्री पुरुष, सबके लिये बहुत ही उपकारी है। धर्मशिक्षा पानेकी इच्छा करनेवाले सजन मूल्य।)चार आना । ब्रह्मचर्यसोपान । ब्रह्मचर्य्यव्रतकी शिक्षाके लिये यह ग्रन्थ बहुतही उपयोगी है। सब ब्रह्मचारी आश्रम, पाठशाला और स्कूलोंमें इस ग्रन्थकी पढ़ाई होनी चाहिये। मूल्य -) अवश्य इस पुस्तकको मँगावें। मूल्य =)