पृष्ठम्:श्रीमद्बृहत्पाराशरहोराशास्त्रम् (सुबोधिनीटीकासहितम्).pdf/४७४

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

M. बृहत्पाराशरहोरोत्तरमागे- निदिग्वसुवेदादिगिष्वज्रष्टनवेषवः ॥ ७२ ॥ रुवावर्ग मेषाद्विषयेष्वष्टवायवः ॥ पंक्तिस्वरेषवः सूर्याहर्गणा प्रो- टीका | (३४) उपयुक्तवर्गणा संज्ञकलवांकाना मुनीत्यादिसार्थसप्ततिश्लोकपर्यन्तम् मेषे मुनयः सप्त ७ वर्गणा ध्रुवांकाः, वृषे दिक् दश १० वर्गणांका, मिथुने बसवः अष्ट वर्गणांका, कर्के वेदाश्चत्वारः वर्गणांका, सिंहे दिक् १० वर्गणांकाः, कन्यायां इषवः यंच ५ वर्गणकाः, तुलायां अद्रयः सप्त ७ वर्गणांकाः, वृश्चिके अष्ट वर्गणांकाः, धनुषि नव ९ वर्गणांकाः, मकरे इषवः पंच ५ वर्गणांका:- कुंभे रुद्राः ११ वर्गणांका, मीनेऽर्क: १२. वर्गणांकाः, इति मेषात् मेषक्रमात् राशिषु वर्गणांका ज्ञेया इति । अथ अद्वेषु वर्गणांकाः । सूर्यात् सूर्यादिकमशः विषयाः ५. इषवः ५, अष्ट ८, वायवः ९. पंक्ति: १०, स्वराः ७, इषवः ५ रविचंद्रभौमबुधगुरुशुकशनीनां क्रमार्गणा ध्रुवांकाः बुधैः प्रोच्यते शब्यते ॥ ७२ ॥ ७३ ॥ T + भाषा । १२.. २ || ४|४| V स्थान ऐसी संज्ञा है. हे मैत्रेय | अब लझमें | रेखा देने वालेके नाम सुनो लम धरमै शनि, बुध, शुक्र, गुरु, गंगल यह पांच रेखा देने- दाले हैं. दूसरे घरमें बुध, गुरु, शुक्र, यह रेखा र देनेवाले हैं. तीसरे घरमे सूर्य, चंद्र, मंगल, शुक्र, शनि, लभ रेखा देनेवाले हैं. चवथे घ- 51 हमें सूर्य, बुध, गुरु, शुक्र, शनि रेखा देने- ७ स. बाले हैं. पांचवें घरमै गुरु, शुक्र दोनों रेखा दे ८ अ. नेवाले हैं. छठे घरमै सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शनि, लग्म रेखा देनेवाले हैं. सातवें घरमे गुरु हा 19 || रेखा देनेवाला है. आठवेंमें बुध, शुक्र, रेखा देनेवाले हैं. नवे घरमें गुरु, शुक्र दोनों हैं. दसवें ग्यारहवें धर्मे सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, गुरु, शनि, लभ रेखा देनेवाले हैं. बारहवें घर में सूर्य, चंद्र, यह दोनों हैं. ऐसी लभके बारह भावोंकी रेखा कहाँ. यहां स्पष्टचक्र दिखाया है। ६८ | ६९ ॥ ७० ॥ ७१ ॥ करण शब्दकरके दिस अथ उदाहरणार्थ लव्ररेखा चक्रम्. मा. सच.म. बु शुशल.