पृष्ठम्:श्रीमद्बृहत्पाराशरहोराशास्त्रम् (सुबोधिनीटीकासहितम्).pdf/४६४

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बृहत्पाससरहोरोत्तरमागे- क्युषौ सुते ॥ विक्रमे दुलमानि लमार्किकुजा रहे ॥४७॥ ते च शेन्दुस्वभेचाऽऽये सर्वे शुक्रं विना व्यये ॥ लमशुक्रबुधाः शत्रौ ते च जीवसुधाकरी ॥४८॥ धूनेऽ- टीका । अत्र एकवचनं पुंस्त्वं पार्षम् । एवं रविभावरेखामदा बोध्याः ॥ ४७ ॥ ४८ ॥ अथ चन्द्रमावरेखामदानाह शेन्द्रित्याधेकपंचाशच्योकपर्यंतम् । तनु १ भावे सेन्दुजीवाः बुधचन्द्रगुरवः त्रयः, धन २ मावे कुजाय मोमवुक हो, सहज भावे कितनूशनाः बुधरविचन्द्रभौमशनिलमसहित उशनाः शुकः एते सप्त, सुख ४ भाषे जीवश्वकबुवाः त्रयः, सुत ३ भावे भौमबुध- -शुनेश्वराः चत्वारः, रिषभावे रवींद्वारार्किलमानि रविचंद्रभौमशनिळ्या- भाषा । नृ.। सूर्यके बारह भाव में स्थान ( रेखा ) कहते अब उदाहरणार्थ सूर्यरेखा नम् है. स्थानरेखाका नाम हैं सो रेखा देनेवाले-मा.स.चॅ.. म.' बृ. गु..श.|श..ल. स |ल. || के नाम कहते हैं. सूर्यसे दूसरा जाठवा, प दिला, वह घरोंमें शनि, मंगल, सूर्य यह तीन रेखा देनेवाले हैं. पांचवें घरमें गुरु, बुध, यह दो रेखा देनेवाले हैं. तीसरे बरमें बुध, चंद्र. ६ | लझ रेखा देनेवाले हैं. बबधे घरमे लम, सूर्य, टन. शनि, मंगल रेखा देनेवाले हैं. दसवें घरमें ७ स. म. सूर्य, मंगल, शनि. बुध, चंद्र रेखा दे- ११ ए/10 नेवाले हैं. ग्यारहवें घरमें सूर्य, चन्द्र, मंगल, १२ बुध, गुरु शनि, लग्न रेखा देनेवाले हैं. बारहवें घरमें लग्न, शुक, बुध, रेखा देने- बाले हैं. छटे परमेलम, शुक्र, बुध, गुरु, चंद्र रेखा देनेवाले हैं. सातवें घरमें सूखे, शनि, शुक्र रेखा देनेवाले हैं. नवम धरमें सूर्य, मंगल, शमि, बुध, गुरु, दैनवाले हैं. यह सूर्य भात्रकी रेखा कहीं यहां चक्र स्पष्ट लिखा है ४० ॥ ४८ ॥ अचारह भावों सेवा देनेवाले नाम कहते हैं. J