पृष्ठम्:श्रीमद्बृहत्पाराशरहोराशास्त्रम् (सुबोधिनीटीकासहितम्).pdf/४५७

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अष्टकवर्गाध्यायः १ (१७) तु ॥ ३२ ॥ जीवारेन्हार्किलमानि शुक्रमंद धरासुताः ॥ हे- न्दुलार्कशुकार्या शार्के जीवेन्दुलकाः ॥ ३३ ॥ अर्कार्य- टीका | लमार्कारार्किचंद्रायः लमरविभौमशनि चंद्रगुरवः पते करणप्रदाः षट्, सुख- भावे ज्ञार्कार्या: बुधरधिगुखः एते करणप्रदाः त्रयः- सुतभाव जीवारेन्द्रा- किलझान गुरुभौमचंद्रशनिलमानि एते करणमदा पंच रिपुमावे शुक मंदधरासुताः एते करणमदाः त्रयः, जायामः वे ज्ञेन्दुलार्कशुकार्याः बुध- चंद्रलअरविशुक्रगुरवः पते करणमदा षद् मृत्युभावे लाकों व कर दौ द्रौ. धर्ममावेन्दुलकाः गुरुचंद्रलनानि करणमदाखवः दशममावे अ कशुका: रविशुरुशुकाः करणप्रदास्त्रयः आयमावे शून्यं रणवः व्ययभावे होरेंद्राराकिंभार्गवाः लचंद्रमशनिश्शुकाः एवं करणप्रदाः पंच एवं बुधस्य भावेषु क्रमात करणमाः ज्ञेया इति ॥ ३२ ॥ ३३ ॥ अथ सु- भाषा। तोन करण देनेवाले हैं. तीसरे घरमें न सूर्य, शनि, चंद्र, मंगल, गुरु, यह, छ करण देनेवाले जानना. चौथे वरम बुध, सूर्य. अयोदाहरणार्थं बुधकर्णकोष्टकम् गुरु, तीन करण देनेवाले जानना प इलाम घरमे गुरु, मंगल, चंद्र, शनि, लग्न यह पांच करण देनेवाले जानना. छठे घरमे शुक्र, दा ४. नि, मंगल, यह तीन करण देनेवाले हैं. सा-न! तवे घरमें बुध, चंद्र, लग्न, सूर्य, शुक, गुरु. प. यह छः करण देनेवाले हैं. आठवें घर में बुध. सूर्य, यह दो करण देनेवाले हैं. नवे घरमे गुरु, चंद्र, ऌझ यह तीन करण देनेवाले हैं. ७ स दशवे घरमे सूर्य, गुरु, शुक्र ग्रह तीन करण न. " देनेवाले हैं. ग्यारहवें परमं करण देनेवाला नहीं है, कारहवें घरमे लम. चंद्र. मंग ल, शनि, शुक्र, यह पांच करण देनेवाले हैं. ऐसी बुके करणी संख्या और नाम कहे उसका चकमी दिखाया है ॥ ३२ ॥ ३३ ॥ गुरुके