DggD Dgg taS ggB iL KD SDg gDD DiDK DB H HDB BgD DDD હુગ l. सिंह, प्रत्यक्ष दिखाई पड़ने वाले बड़े बड़े चमकदार गजमौवितक रूपी शिर के आभूषणों से युक्त हाथियों के मस्तकों का समागम प्राप्त कर अथवा शिरोभूषण रूप हाथियों के मस्तकों पर के गजमौक्तिकों के आभूषणों में प्रतिबिम्बित होकर सच्चे सिंह की लीला को अर्थात् हाथी के गण्डस्थल पर सवार होकर उसी को पहिले विदारण करने की शोभा को प्राप्त हुआ । कथमपि विनिपत्य सश्चरन्तः क्षतजतरङ्गवतीषु चिन्हमत्स्याः । सुरयुवतिविलोचनानि संख्ये विदधुरकृत्रिममत्स्यशङ्कितानि ॥७२॥
संख्ये क्षतजतरङ्गवतीषु कथम् अपि विनिपत्य सञ्चरन्तः चिन्हमत्स्याः सुरयुवतिविलोचनानि अकृत्रिममत्स्यशङ्कितानि विदधुः । व्याख्या संख्ये समरे 'मृधमास्कन्दन संख्यं समीक साम्परायिकम् । अस्त्रियां समरानीकरणाः कलहविग्रहौ' इत्यमरः ।। क्षतजस्य रुधिरस्य तरङ्गवतीषु नदीषु रुधिरनदीषु कथमपि केनाऽपि प्रकारेण विनिपत्य पतित्वा सञ्चरन्तः परिभ्रमन्तो वहन्त इत्यर्थ: । चिन्हमत्स्याः पताकासंलग्नचिन्हभूतमीनाः सुराणां देवानां युवतयो नार्यस्तासा विलोचनानि नयनान्यकृत्रिममत्स्यैर्यथार्थमीनै: शङ्कितानि तदभिन्नत्वेन सम्भावितानि विदधुश्चक्रुः । अत्र भ्रान्तिमानलङ्कारः । ST युद्ध में खून की नदियों में किसी प्रकार गिर कर बहने वाली पताका में की चिन्ह भूत मछलियों ने (युद्ध में वीरों को ले जाने के लिये आई हुई) देवों न्मी नाग्गिों के नेत्रों को सच्ची मछलियों के ब्रोने की शडा उत्पन्न कराई ।