पृष्ठम्:रामकथामञ्जरी.pdf/१०९

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बड़े २ दान्तों के कारण भयानक प्रतीत होने वाला। (निवृत्तः) कटे हुए। (मार्गध्वम् ) ढूँढो पृष्ठ 57 स्वनामाङ्कोपशोभिताम् ) अपने नाम से चिन्हित ! (अभि- ज्ञानम् ) स्मारक रूप (याददास्त ) (शलमाः) मकड़ी । ( (वरुण पालिताम् )। जिसका पालक राजा.) वरुण है ( पश्चिम) (व्यतीक्रान्त) गुजर गया। (कौशेय-वासिनी । रेशम के वस्त्र धारण करने वाली। पृष्ठ 58 (विक्रमाभ्युदयोन्मुखाः) उस अभ्युदय की प्राप्ति के लिये उधत हुए जिसकी प्राप्ति शौर्य पर निर्भर थी । (परवीरहन्ता) शत्रु के वीरों को मारने वाला । ( मनसा जगाम) चित्त से गया, (स्मरण) किया। सुन्दरकाण्ड पृष्ट 59 प्रविभक्त महाप्रथाम् ) जिसमें राजमार्ग पृथक २ बनाए हुए हैं. । (प्रायत-लोचनाम् ) विस्तृत नेत्रों वाली । (दिव्यो- पमम् )। स्वर्गीय पदार्थ के समान स्फाटिकम् ) बिलौर के बने हुए। पृष्ठ 60 धर्म-साध्वस-शङ्कितः ) धर्म के ( धर्म नाश के )डर