पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/६९

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बीजगणिते- यहां पर गुण्य गुणक और भाज्य भाजक में लाघव के वास्ते जिन जिन करणियों का उक्त रीति के अनुसार योग होसकै उनका योग करके गुणन तथा भजन करते हैं और जो उदाहरण में रूप हों उनको करणी के स्वरूप में करलेते हैं । ( १ ) क २ क ३ क = इस गुणक में 'क २ क ८' का योग क १८ होता है इस लिये क १८ क ३ गुणक हुआ । गुण्य में रूप पांचकार करणीगत रूप करने से क २५ हुई अब स्थान गुणन की रीति से गुण्य =क २५ क ३ गुणक = क १८ क ३ क क ७५ क गुणनफल = रू ३ क ४५० क ७५ क ५४ विशेषसूत्रं वृत्तम् क्षयो भवेच्च क्षयरूपवर्ग- श्वेत्साध्यतेऽसौ करणीवहेतोः । ४५० क ५४ ऋणात्मिकायाश्च तथा करण्या मूलं क्षयो रूपविधानहेतोः ॥ १५ ॥ द्वितीयोदाहरणे न्यासः । गुणकः क २५ ३ क १२ । गुरायः क २५ क ३ | के करण्योयोगे कृते गुणकः २५ क २७ गुणिते जातम क ६२५ क ६७५ क ७५ क ८१ ।