पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/५४२

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अनेकवर्णमध्यमारणम् । राशि याच १ में ४ घटाकर ७ का भांगदेने से याव० का ७ रु० समशोवन से हुए याव १ का ० का ७ रु ४ यह निःशेष होता है इसलिये लब्धि का मान का १ कल्पना किया अब हर ७ और लब्धि का १ का घात शेष ० युत भाज्य राशि के तुल्य हुआ. याव १ का ० रू ४ का ७ नीव ० नी ० रू ४ का ० नीव ४६ नी २८ रु ४ समशोधनसे हुए याव १ रू ४ का ७ नीव नी० रू० का ० नीव ४६ नी २८ रु ० ७ पहिले पक्षका मूल या १ आया और दूसरे पक्ष का ७ रू ४ का ४ मूल वर्गप्रकृति से नहीं आता इसलिये ' वर्गादेय हर:' इस सूत्र के अनुसार रूप २ से सहित अन्यवर्ण नी ७ रू २ के वर्ग के साथ साम्य के लिये न्यास | O हुआ और उक्तवत् कालकका मान अभिन्न नीव ७ रू ४ आया | कल्पित मूल नी ७ रू २ पूर्व मूल या १ के तुल्य है इसलिये समीकरण से यावत्ता चत्का मान नी ७ रू २ आया नीलकका व्यक्त १ मान माननेंसे याव- तावत्का मान व्यक्त ६ हुआ इसका वर्ग ८१ राशि है । अथवान्यवकल्पना मन्दावबोधार्य पूर्वैरुपाय: पठितः । सूत्रम -