पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/५४

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पम् । मालूम होता है कि दो खण्ड वाले राशि के वर्ग करने में तीन खण्ड होते हैं खण्डों के वर्ग और दूना खण्डों का घात याव १६ या ४८ रु ३६ ॥ तीन खण्ड वाले राशि के वर्ग करने के लिये न्यास | गुण्य गुणक या ३ का ४ नी ५ या ३ का ४ नी ५ पहिली पङ्क्ति याव ६ या का १२ यानी १५ = दूसरी पङ्क्ति = का·या १२ का १६ का-नी २० तीसरी पङ्क्ति - नी या १५ नी का २० नीव २५ गुणनफल याव ९ या का २४ यानी ३० काव १६ कानी ४० नीव २५ देखो यहां पहिली पङ्क्ति में पहिले खण्ड का वर्ग, पहिले खण्ड का दूसरे का घात और पहिले खण्ड का तीसरे का घात है। दूसरी पङ्क्ति दूसरे खण्ड का वर्ग, पहिले खण्ड का दूसरे का घात और दूसरे खण्ड का तीसरे का घात है। तीसरी पंक्ति में तीसरे खण्ड का वर्ग, पहिले खण्ड का तीसरे का घात और दूसरे खण्ड का तीसरे का घात है । अ र्थात् वर्ग करने में हर एक खण्डों का वर्ग और दूना दोनों खण्डों का घात होता है इसके देखने से ' कृतिभ्य आदाय - १ इस सूत्र की उप- पत्ति स्पष्ट ज्ञात होती है ॥ १२ ॥ - पूर्वसिद्धस्य वर्गस्य मूलार्थ न्यासः। याव१६ या४८६ रू ३६। लब्धं मूलम या ४ रु ६ इत्यव्यक्लवर्गवर्गमूले ! इत्यव्यक्त षड्डिघम् ● रूपैः षड्भिः - वर्गमूल के लिये लिखते हैं-- इस प्रश्न के अनुसार सिद्ध किये हुए वर्ग को