पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/५०२

विकिस्रोतः तः
एतत् पृष्ठम् अपरिष्कृतम् अस्ति

अनेकवर्णमध्यमाहरणम् । .उदाहरण---- वे दो कौन राशि हैं जिनके वर्गों का योग राशि घाल से जुड़ा मूल- प्रद होता है और उस मूल से गुणा उनका योग एक से जुड़ा हुआ मूलप्रद होता है । G यहां या १ । का १ राशि हैं इनका वर्गयोग घात युत याव १ या काभा १ काव १ ' हुआ यह वर्ग है इस कारण नीलकवर्ग के साथ समीकरण के लिये न्यास | , यात्र १ याकामा १ कात्र १ नीव ० याव • याकामा • काव ० नीव १ समशोधन करने से हुए याव १ याकामा १ काव ० नींव यात्र • याकामा ० काव १ नीव १ कालकवर्ग जोड़ देने से हुए याव १ याकामा १ का १ नीव 0 याव ० याकामा ० काव ० नीव १ ३६ से गुणने से हुए .. याव ३६ या का भा ३६ काव ३६ नीव ० याव० या का भा० कात्र ० नीव ३६ 4 दूसरे पक्ष का मूल नी ६ आया और अन्य पक्ष याव ३६ याका ३६ काव ३६ ' में जितने का मूल मिले सो लेना चाहिये जिससे मात्रित का भङ्ग होवै, तो पहिले खण्ड यात्र ३६ का मूल या ६ आया और तीसरे खण्ड काब ३६ में नौसे गुणे हुए कालकवर्ग को घटा देने ते काव २७. शेष रहा और उस शोधित खण्ड का ६ का मूल का ३ माया अब या ६ । का ३ इनके दूने घात याकामा ३६ को संशो- व्यमानं स्वमृणत्वमेति-~-' इस के अनुसार अन्य पक्ष के दूसरे खण्ड या