पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/५०३

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बीजगणिते- काभा ३६ में घटा देने से वह उड़ गया और तृतीयस्खण्डसंबन्धी काव २७ शेष रहा, इसमें इट कालक १ भाग देने से भाज्य काव २७ ज्योंका त्यों रहा परन्तु वर्णवर्ग में वर्ग का भाग देने से लब्धि वर्णात्मक का १ हैं इतभांति वह अन्यपक्षय तृतीय खण्ड संवन्धी शेष का २७ रहा इसमें इष्ट कालक १ वटाने से शेष का २६ रहा इसकाका १३ पूर्वमूल या ६ का ३ के तत्य है इस कारण समीकरण के लिये स्यात । है या ६ का ३ या ● का १३ समशोधन करने से यावत्तावत् की उन्मिति ६ ३ सावत् में उत्थापन देने से पहिला राशि का है और दूसरा पूर्व कल्पित का १ हुआ उनके वर्गों का व. २५ हुआ इसमें राशियात का मूल काव ५ ३ इससे का । का व १ का योग जोड़ देने से ५. आई इससे याव- काव ४६ ६ काव ५६ को गु ६ इसका पौतकवर्ग के साथ समीकरण के लिये न्यास । काय ५६ रु ६ ६ पीव १ समवेद और छेद गम करने से हुए काय ५६ रु ६ धू । का १ इन दोनों राशियों के योग का ३ कात्र ३४ ६ हुआ इस में १ जोड़देने से काम ५ रू ह ६

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