पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/४८५

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बीजगणिते - समशोधन करने से पक्ष ज्योंके त्यों रहे मूल ग्रहण के लिये ३ से गुणकर ६ जोड़ देने से हुए याव ६ या १८ रु ६ का ३ का ६ ख ६ पहिले पक्षका मूल या ३ रू ३ आया और दूसरे पक्ष काय ३ का ६ रू ६ में अव्यक्त वर्ग, अव्यक्त तथा रूपसे जुड़ा है इसलिये इसका नलिक वर्ग के साथ समीकरण के अर्थ न्यास । काव ३ का ६ नीव० रू ६ काव ० का० नीव १ रू० समशोधन करने से हुए काव ३ का ६ नीव १ रू है ३ से गुणकर नौ जोड़ देने से हुए काव ६ का १८ रु ६ नीव ३ रु १८ यहां पहिले पक्षका मूल का ३ रू ३ आया और दूसरे पक्ष नीव ३ रू. १८ का मूल वर्ग प्रकृतिसे लेना चाहिये तो इष्ट कनिष्ठ ६ कल्पना किया उसका वर्ग ८१ हुआ प्रकृति ३ से गुण देने से २४३ हुआ इस में क्षेप १८ घटा देने से शेष २२५ रहा इसका मूल १५ ज्येष्ठ हुआ । यहाँ कनिष्ठ ६ का पहिले सिद्ध किये हुए प्रथम पक्षके मूल या ३ रू ३ के साथ समीकरण के लिये न्यास | या ३ रू ३ या० रू ६ इसीभांति ज्येष्ठ १५ का पीछे सिद्ध किये हुए प्रथम पक्ष के मूल का ३ रु ३ के साथ समीकरण के लिये न्यास |