पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/४८१

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४७६ बीजगणिते-- का. २.. रू २५ का० समशोधन करने से कालक की उन्मित्ति १०० आई और पहिले राशि का १ नीव १ । का १ हैं । उत्थापन देने से कालक का मान १०० इसमें कनिष्ठ वर्ग तुल्य नीलक वर्ग २५ घटा देने से शेष ७५ रहा यही यावत्तावत्का मान है और कालक का मान दूसरा राशि १०० है । अथवा | कनिष्ठ २६ कल्पना किया इससे ज्येष्ठ ४१ आया वह कनिष्ठ २६ वर्ग ८४१ से गुण देने से दूसरे पक्षका मूल ३४४८१ हुआ यह आय पक्षीय मूल का २ नीव १ के तुल्य है वहां रूपके स्थान में प्रकृतिवर्ण- मान कनिष्ठ २६ के वर्ग रू ८४१ को लिखकर न्यास । का २ रू ८४१ रु १७५ ? का० रू ३४४८१ समशोधन करने से कालक की उन्मिति १७६६१ आई यह दूसरा राशि है इसमें कनिष्टवर्गतुल्य नीलकवर्ग ८४१ घटा देने से दूसरा राशि १६८२० हुआ इसभांति अनन्तराशि आयेंगे | अन्यत्सूत्रं सार्धवृत्तम्- साव्यक्तवर्गों यदि वर्णवर्ग- स्तदान्यवर्णस्य कृतेः समं तम् ॥ ७५ ॥ कृत्वा पदं तस्य तदन्यपक्षे वर्गप्रकृत्योक्लवदेव मूले | कनिष्ठमाद्येन पदेन तुल्यं ज्येष्ठं द्वितीयेन समं विदध्यात् ।। ७६ ।। शत्र प्रथमपक्षमूले गृहीते सत्यन्यपक्षे साव्यक्का-