पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/४७८

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अनेकोमध्यमाहरणम् 1 पक्षके मूल का १ के साथ समीकरण करने से कालक का मान २०० आया और कनिष्ठ १० यावत्तावत् वर्षका मानहै यही राशि है । आलाप-१० इसका वर्गवर्ग १०००० हुआ ५ से गुण देने ★ से ५०००० हुआ इसमें शतगुण राशि वर्ग १०००० घटा देने से शेष ४०००० रहा इसका मूल २० कालक मान के तुल्य है । अथवा कनिष्ठ १७० है इससे ज्येष्ठ ३८० हुआ यह कनिष्ठ १७० से गुणदेने से दूसरे पक्षका मूल ६४६०० हुआ इसका आयमूलका १ के साथ समीकरण करने से कालक का मान ६४६०० आया और कनिष्ठ १७० यावत्तावत् का मान है वही राशि है || उदाहरणम्-- § कयोः स्यादन्तरे वर्गो वर्गयोगो ययोर्धनः | तौ राशी कथयामिन्नौ बहुधा बीजवित्तम ॥ ६० ॥ अत्र राशी या १ । कान्तया का १ नीलकवर्गसमं कृत्वा लब्धं यावत्तावन्मानम् का नीव अनेन यावत्तावदुत्थाप्य जातौ राशी का १ नीव १ | का १ । योर्गयोगः काव २ नीव का भा २ नीव- व १ एष घन इति नीलकवर्गधनसमं कृत्वा शोधने कृते जातं प्रथमपक्षे नीव १ नीव व द्वितीयपक्षे काव २ नीव का भा २ पक्षौ द्वाभ्यां संगुराय नीलक- वर्गवर्ग प्रक्षिप्य द्वितीयपक्षस्य मूलम् का २ नीव १ प्रथमपक्षं नीवघ १ नीवव : नीलकवर्गवर्गेणापव र्त्य नीव २ रू. वर्गप्रकृत्या मूले ६०