पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/४७५

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.बीजगणिते- साव्यक्तवर्गोऽव्यक्तवर्गवर्गः स्याद्यदि वा साव्यक्तवर्गवर्गोऽव्यक्लवर्गवर्ग वर्ग: स्यात्तदा नासौ वर्गकृतेविषयस्तत्कथं पदं ग्राथमित्याशङ्कायां मन्दावबोधार्थ सार्थोगजातिकाह द्वितीय पक्षमिति | संभवे सति द्वितीयपक्षं कृत्यापवर्त्य पढ़े मसाव्ये । एवं वर्गवणापवर्तन- संभवे सति वर्गवणापवर्त्य पदे प्रसाध्ये | एतदुक्तं भवति द्वितीय पक्षे यदि साव्यक्कवर्गोऽव्यक्तवर्गवर्गोऽस्ति तदाव्यक्लवर्गेणापवर्ते कृते सरूपो- डब्यक्तवर्गः स्यादिति वर्गमकृतेविषयः । एवं द्वितीयपक्षे यदि साव्यक्त- वर्गवर्गोऽव्यक्कवर्गवर्गवर्गोस्ति तत्राव्यक्ववर्गवर्गेणापवर्ते कृते सति सख- पोऽव्यक्तवर्गः स्यादिति वर्गकृतेविषयः । अतः ग्वत्पदे साध्ये | इयान् विशेष:- अव्यक्नवर्गेणापवर्ते कृते यज्ज्येष्ठमागतं तत्कनिष्ठेन गुरणयेत् । अव्यक्नवर्गवर्गेणापवर्ते तु यज्ज्येष्ठमागतं तत्कनिष्टवर्गेण गुण- `येत् | कनिष्टं तूभयत्र यथास्थितमेत्र | एवं ज्यादिगतवरणावर्ते कनि वर्गवगादिना ज्येष्ठगुणनं द्रष्टव्यम् | शेषं पूर्ववत् || दूसरे पक्ष का मूल वर्गप्रकृतिले लेना चाहिये यह पहिले कह चुके हैं वहां यदि अव्यक्तवर्ग के साथ व्यक्तवर्गवर्ग हो, वा अव्यक्तवर्गवर्ग के साथ अव्यक्तवर्गवर्गवर्ग होवे तो किस भांति मूल लेना चाहिये सो कहते हैं --- यदि संभव हो तो दूसरे पक्ष में अपवर्तन देकर कनिष्ट तथा ज्येष्ठ सिद्ध करो, तात्पर्य यह है कि यदि साव्यक्तवर्ग अव्यक्तवर्गवर्ग होतो अव्यक्तवर्ग का अपवर्तन देने से सरूप अव्यक्तवर्ग होगा और यदि साव्यक्तवर्गवर्ग अव्यक्तवर्गवर्गवर्ग हों तो अव्यक्तवर्ग वर्ग का अपवर्तन देने से सरूप अव्यक्तवर्ग होगा, इस भांति दोनों स्थल में वर्गप्रकृति का विषय सिद्ध होने से उक्तरीति के अनुसार कनिष्ठ ज्येष्ठहोंगे, परन्तु इतना विशेष है कि यदि अव्यक्तवर्ग का अपवर्तन लगा हो तो ज्येष्ठ को कनिष्ठ 1 से गुणदो मौर यदि अव्यक्तवर्गवर्ग का अपवर्तन लगा हो तो ज्येष्ठ को कनिष्ठवर्ग से गुणदो और कनिष्ठ तो उभयत्र ज्योंके त्यों रहेंगे, इस ४७० A