पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/४४४

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1 अनेकवर्णसमीकरणम् । उदाहरण --- वह कौन राशि है जिसको पांचसे गुणकर तेरहका भाग देने से जो शेष रहता है उसमें राशिको जोड़ देने से तीस होते हैं । कल्पना किया कि राशि या १ है पांच से गुणे हुए इसमें तेरह का भाग देनेते लब्धि का १ आई इसको राशि में जोड़ देनेसे या १ का १ हुआ यह ३० के समान है परन्तु यहाँ पर क्रिया का निर्वाह नहीं होता क्योंकि कोई गुण हर नहीं उपलब्ध हैं इसीलिये आचार्य ने कहा है कि जिस स्थान में किया निराधार अथवा अनियतावार होने यहां उसे नहीं करना चाहिये इस कारण इष्टकर्म से राशि का आनन किया है। जैसा- हरके तुल्य राशि कल्पना किया १३ यह ५ से गुण देने से ६५ हुआ इसमें १३ का भाग देने से ५ लव्धि आई इसमें १३ जोड़ देनेसे १८ हुआ, यदि इस राशि फल योग १८ में ५ फल आता है तो राशि फल योग ३० क्या या हुआ इसमें ६ का अपवर्तन देने से. १५० हुआ ६५ अब इसको समच्छेद करके ३० में घटाने से राशि शेष रहा. ३ २ ३ । आलाप - राशि ६५४५ ३ ६५ जोड़ देने से में राशि ३ ३ भाग देने से. ६५ है. ५ से गुण देने से- हुआ इसमें १३ का ३ हुआ ६५४५ ३४१३ हुआ अ हर ३ का भाग देने से ३० हुए || अथाद्योदाहरणम्- ६० 'षडष्टशतकाः क्रीत्वा समार्घेण फलानि ये | विक्रीय च पुनः शेषमेकैकं पञ्चभिः पणैः ॥ जाताः समपणास्तेषां कः कयो विक्रयश्च कः । ' अत्र क्रयः या १ विक्रय इष्टं दशाधिकं शतम् १९०