पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/३९८

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2 अनेकवर्णसमीकरणम् । कापी रु १०० या ३ १ कालक का लोई रू १४ यह मान है तो ऋण कालक का क्या, यों लो १० रू ७० हुआ । १ नीलक का लो १ रू० यह मान है तो ऋण नीलक ७ का क्या, यों लो ७ रू० हुआ । १ पीतक का लो० रू ४ यह मान है तो ऋण पीतक है का क्या, यों लो० रू ३६ हुआ । इन मानों का योग लो ३ रू १०६ हुआ। इसमें रूप १०० जोड़ कर हर या ३ का भाग देने से यावत्तावत् का मान लो १ रू २ आया इसीभांति दूसरे यावत्तावत् के मान में उत्थापन देने से वही मान आया का ७ नी हंपी ३ रू १०० 1 या ५ अब उन मानों का क्रमसे न्यास | लो १ रू. २ यावतावत् सो २६ २४ कालक लो १रू ० नीलक ० रू ४ पीतक लो

यहां लोहितक का व्यक्त मान रूप ३ कल्पना करने से गुणक १ । ८ | ३ | ४ हुए इनसे ३१५१७१६ इन मूल्य दम्मों को यथाकम गुण देने से कबूतर आदि जीवों के मूल्य ३।४० | २१ । ३६ हुए और उन्हीं गुणक से ५ |७|६| ३ इनको यथाक्रम गुण देने से कबूतर आदि जीवों की संख्या हुई ५ | ५६ | २७ | १२ | अथवा लोहितक का व्यक्त मान रूप ४ कल्पना किया तो २ | ६ | ४।४ ये गुणक हुए इनसे मूल्य हम्मों को यथाक्रम गुण देने से जीवों के मूल्य ६ | ३० | २८ । ३६ हुए और उन्हीं गुणक से जीवों की