पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/३९६

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383 अनेकवर्णसमीकरणम् । इन जीवों का योग भी सौ के समान है ५+२१+६३+११८१०० अथवा । ३ । ५ । ७ ।६ ये मूल्य कल्पना किये अब इन्हें उन गुणकों से गुणदेना चाहिये कि जिससे गुणे हुओं का योग सौके तुल्य होने इसी भांति उन्हीं गुणकों से ५ | ७ | ६ | ३ इन जीवों को भी गुणदेना चाहिये कि जिससे गुणे हुओं का योग सौके तुल्य होवे परन्तु वे गुणक अज्ञात हैं इसलिये उनके मान या १ का १ बी १ पी १ कल्पना किये | अब इनको क्रमसे ३ | ५१७ १६ इन मूल्यों से गुण देने से या ३ का ५नी ७ पी ६ हुए इनका योग सौके तुल्य है इसलिये समी- करण के अर्थ | या ३ का ५नी ७ पी ६. रू० या० का० नी० पी० रू १०० समशोधन करने से यावत्तावत् की उन्मिति का यूं नी ७ श्री हे रु १०० या ३ आई अब ५ । ७ १६ | ३ इनको क्रम से. गुणक सौ के साथ समीकरण करने के लिये न्यास । या ५ का ७ नी ६ पी ३८ ० या का ० नी पी० रू १०० समशोधन करने से यावत्तावत् की उम्मिति आई। का ७ नी हूँ पी रू १०० O से गुणकर या ५. इन दोनों यावत्तावत् की उन्मति का समीकरण के लिये न्यास | कापूंनी पीई रु १०० या ३