पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/३८८

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-AE समीकरणम् | नी ८ पी पूं का ३... यहां कालकवर्ण की दो उन्मिति आई हैं अब अत्यवर्ण का मान जानने के लिये उनका समीकरण के अर्थ न्यास | समीकरण करने से कालक की उन्मिति नी २० पी १६ का है ८ पी ५ नी ३८३ आई का ३ हरमें कालक का अपवर्तन देकर समच्छेद और छेदगम करने से हुए नी ६० पी ४८ नी ७२ पी ४५ पी ६३ इसमें ३ का समीकरण के द्वारा नीलक की उन्मिति पी ३१ अपवर्तन देने से हुई | की उन्मति यही है इसलिये उस नी ४. का कुड्ढार्थ न्यास । भा. ३१ | क्षे. ० हा. ४। क्षेत्र के प्रभाव होने से लब्धि गुख : हुए | लोहितक १ इष्ट कल्पना करके ' इष्टाहत - ' इस सूत्र के अनुसार सक्षेप लव्धि गुण हुए लो ३१ ८० नीलक लो ४ रू० पीतक यहां लव्वि भाजक वर्ण नीलक का मान है और गुण भाज्य वर्ण पीतक का मान है। इससे कालक की उन्मिति में उत्थापन देना चाहिये सो इसभांति- १ नीलक का लो ३१ यह मान है तो २० नीलक का क्या, यों बीस नीलक का मान लो ६२० हुआ । १ पीतक