पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/३६६

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एकवर्णमध्यमाहरणम् । ३५६ अवशिष्ट रहे उनके भुज राशि के तुल्य हैं अर्थात् वे आयत क्षेत्र हैं और उनके फल राशिघात हैं तो उन दोनों का योग करने से राशिघात दूना होगा इसस उक्त सूत्रको उपपत्ति स्पष्ट प्रकाशित होती है। अथवा, कल्पना किया कि या १ १ का १ राशि हैं उनके योग या १ का १ का वर्ग यात्र १ या. का २ का १ हुआ इसमें उनका वर्गयोग याव १ काव १ घटा देने से उनका दूना घात या. का २ अवशिष्ट रहता है इस लिये कहा है कि 'यौरव्यक्तयोर्यथा ' || अन्यत्करणसूत्रं वृत्तम्- चतुर्गुणस्य घातस्य युतिवर्गस्य चान्तरम् | राश्यन्तरकृतेस्तुल्यं दयोरव्यक्तयोर्यथा || ६६ || 55 ३ | ५ नोर्युतिवर्गाचतुर्षु कोणेषु घातचतुष्टये ऽपनीते मध्ये राश्यन्तरवर्गसमाः कोष्ठका दृश्यन्त इत्युपपन्नं तदर्शनम् । m X X ८ (b) ३ AU