पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/३४०

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एफमध्यमाहरणम् | ३३२ सुपजातिकयाह-वनान्तराल इति । वनान्तराते वनमध्ये लवगानां वानराणामष्टभागोऽष्टमांशो वर्गितो जातरागः सन् वल्गति, सं- जातरागोद्रेकतया शब्दं करोतीत्यर्थः । 'बूत्' इति तन्नादानुकृति:, बृत्काररूपो यो नादः शब्दस्तस्य यः प्रतिनादः प्रतिशब्दस्ताभ्यां हृष्टाः द्वादश वानराः गिरौ शैले दृष्टाः, एवं ते वानराः कियन्त इत्यभिधीयताम् ॥ उदाहरण-- किसी जङ्गलमें बांदरों का आठवां हिस्सा वर्ग किया हुआ सानन्द क्रीड़ा कर रहा है और वहीं एक पर्वत पै बारह बांदर आपस में किल- कार कर रहे हैं तो कहो वे कितने हैं । कल्पना किया या १ बांदरों का मानहै, उसका आठवां भाग या १ रु ७६८ वर्ग करने से याव हुआ, इसमें १२ जोड़ देनेसे याव १ हुआ, यह बांदरों के यूथके समान है इसलिये समीकरण के लिये न्यास । याव १ रु ७६८ ६४ इन में ३२ या १ समच्छेद और छेदगम करने से याव १ या० रु ७६८ याव० या६४ रू० समशोधन करने से याव? या ६४ रू० याव० या० रु७६८ वर्ग १०२४ को जोड़देने से . याव१ या६४ रु १०२४ चाव० प्रा०