पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/३२६

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र याव १ या रं रू १ ४ एकवर्णमध्यमाहरणम् | करके जोड़ने से अन्त्य धन करने से मध्यधन- चय. हुआ इसमें आदि ४ याघ १ यात्र २ या १ या १ रू १ को जोड़ने से यात्र १ या २ रू ३ हुआ, इसका आधा २ . याच १ या २ रूई 3 या १ से गुणने से श्रेढीफल याच १ या २ या ३ हुआ । या १ रू १ आदि याव १ या० रू १ का अपवर्तन देने से या १ रू १ २ या १ रू १ २ से समच्छेद करके युक्त करने से हुआ। इसमें आदि 'हुआ, अब इसको इसीके सातवें भाग हुआ। अब मध्य धन को गच्छ और गच्छ या १ इनका घात याघ १ याव २ या१ याघ ८ याव १६ या समच्छेद और छेदगम करने से ३१६ को समच्छेद याघ १ यावरं या १. ८ याघ १ याव ३ या १ फल समान है इसलिये समीकरण के अर्थ न्यास । याघ १ यावरं या ३ -हुआ । यह और श्रेढी याघ ७ याव १४ या २१ याघ ८ याव १६ या द ८. -हुआ इसमें द