पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/३१२

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एकवर्णसमीकरणम् | यहां अनुपात करने में यावत्तावन्मान को भूमि से गुणकर उसमें २ बृहत और लघु वंश ( बाँस ) का भाग देने से ये बाधा पा. भू १ वृवं १ इनका समच्छेद करने से याग- 2 यह भूमि के समान है इसलिये समीकरण के अर्थ न्यास । या. भू. लवं १ या. भू. बृवं १ लवं. बृत्रं १ देने से या. भू १. लवं १ या. भू. लवं १ या. भू. बूंव १ लवं १ बृवं १ भ १ समच्छेद और छेदगम करने से या. भू. लवं १ या. भू. बृवं १ लवं. बृवं. भू १ भूमि का अपवर्तन देने से या. लवं १ या. बृवं १ लवं. बृवं. १ समीकरण करने से ' बेण्वोर्वर्थे योगहृतेऽवलम्ब: ' यह सिद्ध होता है लवं. वृत्रं १ या. लवं १ या. ब्रूवं १ लवं. बृवं. भू १ यो बृवं. १ 19 हुआ यहां भूमि का चाहो जो मान कल्पना करो पर लम्ब वही आवेगा । लवं. बृत्रं १ जैसा लम्ब वयो १ - है इसको भूमि से गुणकर बृहत वंश का भाग हुआ, इस में बृहत वंश का अपवर्तन देने से