पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/२९८

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एकवर्णसमीकरणम् । उदाहरण- जिन दो राशियों का योग वा व्अन्तर वर्ग होता है और उनका बात घन होता है, वे कौनसे राशि हैं । यहांपर ऐसे राशि कल्पना करने चाहिये कि जिनका योग अथवा अन्तर वर्ग हो, तो तादृश राशि याव ४ | याव ५. हैं और उनका योग याव ६ है तथा अन्तर यात्र १ है इस प्रकार उक्तराशियों में दो आलाप घटते हैं । और उन राशियों का घात यावव २० घन है इसलिये इष्ट यावत्तावत् १० के घनके साथ समीकरण के लिये न्यास | यावब २० याघ यावव० याघ १००० यावत्तावत् घन का अपन देने से या २० रू० या० रु १००० , समशोधन करने से यावत्तावत् का मान ५० आया। इससे पूर्व राशि घाव ४ याव ५ में उत्थापन देना है तो 'वर्गेण वर्गे----' इस सूत्र के अनु- सार उस यावत्तावन्मान ) का वर्ग २५०० हुआ, यदि एक यावत्तावत् वर्ग का २५०० मान है तो यावत्तावत्वर्ग चार तथा पांच का क्या, इस प्रकार राशि हुए १०००० /१२५०० | इनका योग २२५०० वर्ग है और अन्तर २५०० वर्ग है तथा इनका घात घन १२५०००००० है । उदाहरणम्- घनैक्यं जायते वर्गो वर्गैक्यं च ययार्धनः । तौ चेद्वेत्सि तदाहं त्वां मन्ये बीजविदां वरम् ॥५३॥ अकल्पित राशी याव १ | याव २ | अनयो- र्धनयोगः यावध ६ एष स्वयमेव वर्गो जातः स्य