पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/२९६

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एकवर्णसमीकरणम् । VA २८६ यहां भुज कोटि और कर्ण इनके मान क्रम से या २ । या ३ । या ४ कल्पना किये । व्यस्त्रक्षेत्र में भुज कोटि के वात का आधा क्षेत्रफल होता है तो इसीरीति से यहां फल याव ६ हुआ यह कर्ण के समान है इसलिये दो पक्ष हुए याव ६ या० याव० या ५ यावत्तावत् का अपवर्तन देने से या ६ रू० रु ५ या० समशोधन करने से यावत्तावत् का मान प इससे पूर्वकल्पित राशियों में उत्थापन देने से उनके मानहुए १४, २०, २५ इस में यथा- ६ १० २५ संभव अपवर्तन देने से भुज कोटि और कर्ण हुआ ६ क्षेत्रफल हुआ वह ५० यहां भुज कोटि के घात का आधा ६ कर्ण के समान है । & ५० २५ १२ यात्र० याव ६ याघ६० यावं. यावत्तावत् वर्ग १ का अपवर्तन देने से या = दूसरे प्रश्न में क्षेत्रफल याव ६ भुज, कोटि और कर्ण इनके घात याघ ६० के समान कहा है इसलिये दो पक्ष समान हुए. या ६० रू० समीकरण करने से यावत्तावत् का मान 1/ । ६ ६० पूर्व कल्पित राशियों में उत्थापन देने से उनके मान आया। इससे ३ ४ ५ --- १०१ १०१ १०१