पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/२९४

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एकवर्णसमीकरणम् । दूसरे उदाहरण में भी वहीं राशिकल्पना किये या १॥ या २ या ३ या ४ इन के घन हुए याघ १ याघ ८ याघ २७ याव ६४ इन के धनों का योग याव १०० इन्हीं के वर्गयोग याव ३० के स- मान है इसलिये दोनों पक्ष समान हुए। या० समीकरण करने से यावत्तावत् का मान के हुआ । १००० घनैक्य याघ १०० याव० याघ ० यदि एक यावत्तावत् का 3 का क्या, इस प्रकार राशि हुए याव ३० वर्ग का अपवर्तन देने से के समान है | यावत्तावत् या १०० रू० ६ मान आता है तो २॥ ३॥ ४ यावत्तावत् ६ १२ १० १० १० १० इनके घन हुए २८७ 2 ८१ १४४ २७० + १०० १०० १०० -- २७० ८२७०० में दशका अपवर्तन देने से ७० हुआ यह वर्गैक्य, १०० १०० = + २१६ ७२६ १७२८_२७०० ++ १००० १००० १००० १००० और वर्ग हुए