पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/२८७

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बीजगणिते- भाजक क ४ क ७२ निष्पन्न हुआ और भाज्यगत रू २८ का वर्ग ७८४ हुआ परंतु यह 'क्षयो भवेञ्च क्षयरूपवर्गश्चेत्साव्यतेऽसौ करणीत्वहेतो;" 'इल सूत्र के अनुसार ऋण हुआ, इस प्रकार भाग्य क ७८४ क ५१२ निष्पन्न हुआ, अब उन भाज्यभाजकों का गुणन के लिये न्यास । गुण्यक ७८२ क ५१२ गुणक-क ४ क ७४२. २५० $ क ३१३६ के २०४८ क ५६४४८ क ३६८६४ गुणनफल==क १८४६६३६६६२ यहां क ३१३६ क ३६८६४ इन करणियों के मूल ५६ | १६२ हुए इन का अन्तर १३६ धन हुआ इसका वर्ग १८४६६ गुणनफल में पहिली क रणी है, और क २०४८ क ५६४४८ इन करणियों में २ का अपवर्तन देने सेक १०२४ क २८२२४ हुई इनके मूल ३२ | १६८ हुए इनका अन्तर १३६ हुआ इसका वर्ग १८४६६ हुआ इसको अपवर्तनाङ्क २ से गुणने से गुणनफल में दूसरी करणी ३६६६२ हुई । में गुण्य =क ४ क ७२ गुणक= क ४ क ७२ क १६ क २८८ क ८८ क ५१८४ गुणनफलक १६ क ५१८४ यहां क २८८ क २८८ इन करणियों का 'धनर्णयोरन्तर मेव - 'इस सूत्र के अनुसार तुल्यता के कारण नाश हुआ तो क १६ क ५१८४ ये करणी अवशिष्ट रहीं इनके मूल ४ | ७२ हुए इनका अन्तर ६८ हुआ इसका वर्ग करणी ४६२४ हुई । अब भाजकगत क ४६२४ का भाज्यगत क १८४६६