पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/२८६

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एकसमीकरणम् | या २ या. क ७२ रु २८ क ७१ क २०० रग्यो:- बाद दूसरे पक्ष की क ७२ क २०० इन करणियों का ' योगं क-- 1:--' इस सूत्र के अनुसार योग क ५१२ करने से पक्ष हुए या २ या ७२ रु २८ क ५१२ ये दोनों पक्ष समान ही हैं क्योंकि पक्षों का तुल्यशोधन किया था, अन- न्तर ‘ शेषाव्यक्तेनोद्धेरेद्रूपशेषं व्यक्त मानं जायतेऽव्यक्तराशेः' इसके अनुसार व्यक्तमान हुआ रु २८ क ५१२ 7 रू २८ क ५१२ यह या २ या. क ७२ यदि या २ या. क ७९ इस अव्यक्त का व्यक्तमान आता है तो यावत्तावत् १ का क्या कर प्रमाण का भाग देने से लब्धि मिली लब्धि यों फल को इच्छा से गुणा- , यिx रू २८ x क ५१२ मा २७२ २७६ यावत्तावत् १ का अपवर्तन देने से रु २८क ५१२ रु २ क ७२ www इसीलिये ग्रन्थकार ने कहा है कि 'अत्र भाजकस्याव्यक्त शेषस्य याकारस्य प्रयोजनाभावादपगमे कृते समभाज्यभाजको जातौ ' अर्थ ---भाजक के अव्यक्त शेषया अर्थात् यावत्तावत् का कुछ प्रयोजन नहीं है. इस लिये उसका अपगम कहिये नाश करने से भाज्यभाजक समान हुए । G धनताव्यत्ययमीप्सिताया:--' इस सूत्र के अनुसार भाजकगत क ७२ को धन कल्पना करने से तथा रू २ को करणीरूप में लाने से