पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/२६७

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बीजगणिते- इसी भांति यदि एक महीने में सौ का दो ब्याज आता है तो दश म- हीने में सौ का क्या, दश महीने में सौ का ब्याज ८१० x १०० x २ २० १x१०० हुआ, इसको १०० में जोड़ देने से १२० हुआ । यदि इसका मूलधन १०० x या१ सौ है तो यावत्तावत् का क्या, दूसरा खण्ड- -बीस के अप- वर्तन देने से या हुआ । इसी प्रकार तीसरा खण्ड़ या है हुआ । इन खण्डों का क्रम से न्यास । याया अब उनका समच्छेद करके योग या हुआ और छ का अप वर्तन देने से या ६५ हुआ, यह सर्वधन ३१० के समान है इसलिये दो पक्ष हुए या ३०० या ० रु ३६० समवेद और छेदगम करने से हुए या ६५ रू० या० रु १०५३० बाद समीकरण करने से यावत्तावत् का मान १६२ या इससे तीनों खण्ड में उत्थापन देना चाहिये तो इस भांति इस मान १६२ को पहिले खण्ड से गुणकर और उसके हार २७ का भाग देने से पहिला खण्ड हुआ १६२ x २० ३२४० = १२० । इसी प्रकार यावत्तावन्मान १६२ को ५. २७ गुण कर उसमें ६ का भाग देने से दूसरा खण्ड १३५ हुआ और सरा खण्ड भी १३५. हुआ ॥