पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/२५०

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एकबर्णसमीकरणम् । २४३ यहाँ माणिक्य आदिकों के मूल्य कल्पना करने से किया का निर्वाह नहीं होता इसलिये समधन का मान. यावत्तावत् १ कल्पना किया, यदि मक्का या १ मोल है तो एक का क्या इसप्रकार त्रैराशिक के द्वारा हर एक रनों के मोल हुए यायाव इनका समच्छेद करके योग या २० हुआ, यह सैंतालीस के समान है इसलिये दो पक्ष हुए. या या.. रू रु४७ 'कम्प्यो हरों रूपमहारसशे:-- इस रीति के अनुसार दूसरे पक्ष रूप ४.७ के नीचे १ हर हुआ या या० समच्छेद करने से हुए 20 २४. रू०. या २०० ८० छेदापगम करने से हुए. ६४०० या० रू. २०.. या ४७ ८०. याब 24500. हे भागहार रु ६.४०.० समीकरण करने से यावत्तावत् का मान २०० आया, यदि आ माणिक्य का २०० समधन है तो १ का क्या, २००x१ ८ २००x१ यदि दश नीलम का २०० समधन है तो १ का क्या, यो एक नीलम का मोल २० हुआ । यदि सौ ती का २०० ० x १ यों एक मोती का मोल २ हुआ। समधन है तो १ का क्या, १००