पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/२४३

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बीजगणिते- घमविवेकपुरस्सरं मूल्यविचारे सुष्टु समीचीना मतिः यस्यासौ त त्संबोधनम् | तौ तुल्यवित्तौ यथा स्यातां तथा मूल्यानि वद || उदाहरण-- एक व्यापारी के पास पांच माणिक्य, आठ नीलम, सात मोती और नब्बे रुपये हैं दूसरे के पास सात माणिक्य, नौ नीलम, छ मोती और बा- सठ रुपये हैं, परंतु वे दोनों व्यापारी धनमें समान हैं तो कहो हरएक रत्नों का क्या मोल है । यहां पर व्यक्त हैं इसलिये माणिक्य आदिक रत्नों के ३, २, १, मोल कल्पना किया, या ३ या २ या १ यदि एक माणिक्य का या ३ मोल है तो पांच का क्या होगा, इस प्रकार पांच माणिक्य का मोल या १५ हुआ, इसी भांति त्रैराशिक के द्वारा आठ नीलम और सात मोती इनके मोल या १६ या ७ हुए, इन अध्यक्तों के योग या ३८ में १० जोड़ देने से पहिले का धन हुआ था ३८ रू १० । एक माणिक्य का या ३ मोलहै तो सात का क्या, इस प्रकार सात माणिक्य का मोल या २१ हुआ । इसीभांति त्रैराशिकके द्वारा नौ नीलम और छ मोती इनके मोल या १८ या ६ हुए, इन अव्यक्तों के योग या ४५ में ६२ जोड़ देनेसे दूसरे का धन हुआ । इसप्रकार दो पक्ष समान सिद्ध हुए, या ३८ या ४५ रु ६२ सम शोधन करने से या रु० २८ या ७ रू० बाद उक्त रीति से यावत्तावत् का मान ४ आया, अब इससे .