पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/२३९

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बीजगणिते- समक्रियया लब्धं यावत्तावन्मान २५ । अनेनो- स्थापिते जाते ४५० | १५० | २३२ ( १ ) उदाहरण में घोड़ा का मोल मालूम नहीं है इस लिये उसका मान यावत्तावत् एक कल्पना किया या १, अब एक घोड़ा का यावत्तावत् मोल है तो छ घोड़ा का क्या होगा प्र. इ. १ या १ ६ फल को इच्छा से गुणकर उसमें प्रमाण का भाग देने से घोड़ों का मोल आया या ६, इस में तीनलौ रुपये जोड़ देने से पहले व्या- पारी का धन हुआ या ६ रु ३०० | इसभांति दश घोड़ों का मोल हुआ या १०, इस में ऋण सौ रुपये जोड़ देने से दूसरे व्यापारी का बनहुआ या १०, रू १००। ये दोनों समधन हैं इसलिये पक्ष स्वतः समान हुए अर्थात् जो मान तीनसौ रुपयों से जुड़े हुए यावत्तावत् छ का हैं वहीं मान सौरुपयों से ऊन यावत्तावत् दशका है इन दोनों पक्षों का सम शोधन के लिये न्यास | या ६ रु ३०० या १० रू १० पहिजे पक्ष के अव्यक्त या ६ को दूसरे पक्ष के अव्यक्त या १० में शोधन करने से और दूसरे पक्षके रूप १०० को पहिले पक्षके रूप ३०० में शोधन करने से दोनों पक्षों की यों स्थिति हुई या ० रू ४०० या ४ रु० अब अव्यक्तशेष ४ का रूप शेष ४०० में भाग देने से अव्यक्त राशि • व्यक्तमान् १०० हुआ | बाद, यदि एक घोड़ा का १०० भोल है 4.