पृष्ठम्:बीजगणितम्.pdf/२१८

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चक्रवालम् इसके वर्गको प्रकृति ८ से दिया हुआ इसमें १ घटा देने से = १ शेषरहा इसका मूल १ ज्येष्ठ हुआ । इनका क्रमसे न्यास | कई ज्ये १ उदाहरणम्- को वर्गः षड्गुणरूपाब्यो द्वादशाब्योऽथवा कृतिः । युतो वा पञ्चसप्तत्या त्रिशत्या वा कृतिर्भवेत् ॥ ३१ ॥ अत्र रूपं ह्रस्वं कृत्वा न्यासः । प्र ६ | क १ ज्ये ३ क्षे ३ va अत्र 'क्षेपः क्षुण्णः क्षुराणे तदापदे' इति द्विगुणिते जाते द्वादशक्षेपे २ | ६ | पञ्चगुणे पञ्चसप्ततिमिते क्षेपे ५ | १५ | दशगुणे जाते त्रिशतीक्षेवे १० । ३० । उदाहरण----- वह कौन वर्ग है जिसको छ से गुणकर उसमें तीन वा बारह वा पचहत्तर वा तीनसी जोड़ देते हैं तो वर्ग होजाता है । यहां इष्ट १ को कनिष्ठ कल्पना किया, उसके वर्ग १ को प्रकृति ६ से गुणकर ३ जोड़ दिया तो १ हुआ इसका मूल ३ ज्येष्ठ हुआ, अब इन का क्रम से न्यास प्र ६ । क ? ज्ये ३ क्षे ३ । यहां ' अथवा क्षेपः क्षुण्ण: क्षुरुगो कल्पना करने से बारह क्षेप में पद हुए। प्र ६ ३ क २ ज्ये ६ . १२ ५ इष्ट कल्पना करने से पचहत्तर क्षेप में पद हुए १ प्र ६ ३ क ५ ज्ये १५ से ७५ और १० इट कल्पना करने से तीन सौ क्षेप में पद हुए प्र ६ । क १० ज्ये ३० क्षे ३०० पदे' इस सूत्र के अनुसार २ इष्ट