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कुटुकः । + १६ योगज लब्धि गुण हुए १२ २ इन्हें अपने अपने लक्षण में शुद्ध करने से ऋणक्षेप में लब्धि गुण हुए यहां सब्धि ५० कला हैं और गुण १६ अंश शेष हैं | अब शेष १६ को ऋणक्षेप कल्पना कर के अंश के जानने के लिये कुक करते हैं --- भा= ३ | क्षे= १६ | हा = १६ | उक्त प्रकार से वल्ली हुई १ और दो राशि हुए १७६ १ १९२ १ १ २६ तष्टित करने से हुए ३७ अब वल्ली के विषम होने से और ऋरणक्षेप के होने से दो बार शोधन करने से लब्धिगुण ज्यों के त्यों रहे 28 लब्धि २६ अंश हैं और गुण १७ राशिशेष हैं । अब राशिशेष १७ को ऋणक्षेप मानकर राशि जानने के लिये कुट्टक करते हैं ---- भा - १२ क्षे = १७ । उक्त विधि के अनुसार वल्ली सिद्ध हुई ● बाद दो राशि हुए. १ १. हा= १६ । २ तष्टित करने से लब्धि गुण हुए वल्ली के विषम होने से