पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/८८

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चतुर्वेदीकोष | इषुधिः, नपुं.) तरकस | बाण रखने का स्थान | इष्ट (त्रि.) श्रादर किया गया । पूज्य | अभिलषित । चाहा गया । प्रिय | यज्ञादि कर्म । रेड़ी का पेड़ । ( पुं. ) संस्कार ( न. ) चाह | धर्म कार्य । इष्टका, (स्त्री. ) मिट्टी आदि का बना हुआ । सामुद्रक जानने वाला । सगुनीतिया । सगुन उठाने वाला । ज्योतिषी । ईक्षा, (स्त्री. ) दर्शन | देखना । ईरवू, (क्रि. ) डोलना | भूलना | हिलना । ईजू (क्रि. ) जाना । भर्त्सना करना । दोषारोप करना । ईड, (क्रि. ) स्तुति करना | सराहना | एक प्रकार का मिट्टी का खण्ड । अर्थात् • ईडा, ( स्त्री . ) स्तुति | प्रशंसा | सराहना । ईंट | खपरैल । ईरामत्, ( पुं. ) जिसका कोई स्वामी या प्रभु हो । ईति, ( श्री. ) उत्पन्न हुआ। खेती सम्बन्धी छः प्रकार के उपद्रव यथा - १ यति- वृष्टि । २ अनावृष्टि | ३ मकड़ी ४ चूहे । ५ तोता । और ६ राजाओं का दौरा । इष्टा, (स्त्री.) शमी वृक्ष । इष्टापूर्त्त, (न. ) अग्निहोत्र तप । सत्य । यज्ञ | दान | वेदरक्षा | आदित्य | वैश्वदेव | ध्यानादि कर्म | नावली। कुथा। तालाब | देवालय । अन्नदान । वाटिका रोपना आदि इष्टों की पूर्ति । इष्टि, (स्त्री . ) यज्ञ । दर्श पौर्णमास यज्ञभेद । अभिलाषा | इच्छा | चाह । इष्वासन, ( पुं.) धनुष । इह, (अव्य.) यहाँ । इस समय | इस देश में । इस जगत् में अब । इहलः, (पुं.) चेदि देश का नाम । इहामुत्र, ([अव्य.) यहाँ वहाँ | इस लोक और परलोक में । ई ई, ( स्त्री. ) लक्ष्मी तथा कांमदेव का नाम । अनु- त्साह । पीड़ा। शोक । क्रोध । अनुकम्पा । कृपा प्रत्यक्ष पुकारना । ई, (क्रि. ) जाना । चमकना | फैलना | इच्छा करना | फेंकना | माँगना । गर्भ धारण करना । ईक्षू, (क्रि. ) देखना | ताकना । जानना । विचार करना । ईक्षण, (न.) देखना । दृष्टि । आँख । ईक्षणिक, ( त्रि. ) मनुष्य के शारीरिक .. चिह्नों अथवा जन्मकुण्डली को देख कर शुभाशुभ फल बतलाने वाला । दैवज्ञ । यात्रा करना । कष्ट ईडक्ष, (त्रि.) इसके समान । ऐसा । इसके बराबर। इसके सहश ● ईप्सित, (त्रि. ) अपेक्षित । चाहा हुआ । इष्ट । ईर, (कि.) जाना । ईर्म, ( 'न. ) व्रण | घाव | फोड़ा जखम ईर्ष्य, ( क्रि. ) डाइ करना । होड़ करना । ईर्ष्या, (स्त्री. ) डाइ। दूसरे की बढ़ती को देख कर जलना। बैर / ईला, (स्त्री.) पृथिवी । वाणी । गौ। स्तुति | ईलि:-ली, ( स्त्री. ) हथियार । छुरी । . करवालिका । ईवत्, ( श्रव्य ) इतना लम्बा । ऐसा भड़कदार | ईश, ( क्रि० ) शासन करना | शक्तिमान् होना। स्वामी के समान बर्ताव करना । परवानगी देना । ईशान, ( पुं. ) महादेव । परमेश्वर | धनी । प्रभु । आर्द्रा नक्षत्र | शिव की अष्ट मूर्तियों में सूर्य की मूर्ति । शमी वृक्ष विष्णु दुर्गा | ईशिता, (स्त्री० ) अष्ट ऋद्धियों पर प्रभुत्व |