पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/८९

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श्व चतुर्वेद ईश्वरं, ( पुं. ) महादेव । कामदेव । चैतन्य आत्मा परमेश्वर । पातञ्जल के मतानुसार क्लेश कर्मविपाकाशयों से अस्पृश्य पुरुष विशेष । पहिला | स्वामी । लताभेद । ईष, ( पुं. ) स्वामी | मालिक | महादेव | परमेश्वर । ईषत् (अन्य ) अल्प । थौड़ा | कुछ । ईषत्कर, (पुं.) लेशमात्र, थोड़े से यत्न या प्रयास से सिद्ध हो जाने वाला । ईषदुष्ण, ( पुं. ) गुनगुना । कुछ कुछ गर्म । मन्द्रोष्ण | ईषा, (स्त्री.) हलदण्ड । हल की नोंक । हल की फाल । ईषिका, ( स्त्री. ) हाथी की आँख की पुतली | चित्रकार की कूँची | तीर । अस्त्र । ईहू, (क्रि.) अभिलाषा करना । चाहना | वस्तु पाने के लिये प्रयत्नशील होना । ईहा, (स्त्री.) चेष्टा । उद्योग | प्रयत्न | वान्छा | ईहित, (त्रि.) ढूँढ़ा हुआ | खोजा हुआ । प्रार्थित ( सं . ) अभिलाषा चाह इच्छा किया हुआ |

उ, हिन्दी वर्णमाला का पाँचवाँ अक्षर । उ, (क्रि. ) शब्द करना | कोलाहल मचाना | धोंकना गरजना | माँगना तगादा करना । उः, ( सं. ) शिव का नाम । ब्रह्म का नाम | चन्द्र का बिम्ब | सम्बोधन का शब्द । क्रोध। दया । अनुकम्पा । आज्ञा । विस्मय । हैरानी । उकानह:, (सं.) लाल और पीले रङ्ग का घोड़ा । उकुणः, (पुं.) खटमल १ खटकीरा । उक्ल, (त्रि.) कथित । कहा गया | कथन | कहना। एक अक्षर के पाद का चिह्न । उक्लि, ( स्त्री. ) कहना | कथन | उचि उक्थ, ( न. ) नव प्रकार के साभवेद का एक भाग । सामवेद का प्रधान अङ्ग । महा- व्रताख्य यज्ञ | प्राण | कथन | वाक्य | स्तोत्र | प्रशंसा | उधू, (क्रि. ) छिड़कना । सींचना | भिंगोना । नम करना | उड़ेलना। फैलाना | साफ करना । उक्षतर, (पुं.) तीसरी अवस्था को पहुँचा हुआ बैल | बड़ा बैल | उक्षन, (पुं.) बड़ा । सोम - मरुत | अग्नि । ऋषभौषधि । उक्षाल, (पुं.) तेज भयानक | ऊँचा । बड़ा । सर्वोत्तम । बन्दर । उखू, (क्रि. ) जाना । हिलना । डोलना । उखः, ( पुं.) पाकपात्र। किसी वस्तु को उबालने का पात्र । बटलाई | भगोना । तसला । वेदी | शरीर का अङ्ग । उग्र, (त्रि. ) भयानक । निमर | बनैला | बली । दृढ़ । तीक्ष्ण तज । कद्ध ● क्षत्रिय पिता और शुद्धा माता के गर्भ से उत्पन्न सन्तान | वायु की मूर्त्ति धारण करने वाले शिव । विष विशेष । नक्षत्र- समूह f G उग्रकाण्ड, (पुं, ) करेला | कारवेल' अर्थात् " करेला का वृक्ष | उग्रगन्ध, ( त्रि. ) तेज़ गन्धवाला । चम्पा । चमेली। अर्जक वृक्ष । लशुन । हींग | । उग्रधन्वन्, (त्रि.) जिसका धनुष बड़ा तेज़ हो । महादेव । इन्द्र उग्रश्रवस् (पुं.) रोमहर्षण का पुत्र सुनी हुई बात को तुरन्त अवधारण करने वाला | उग्रसेन, ( पुं. ) कंस का पिता । यह यदुवंशी था और इसका दूसरा नाम हुक था । धृतराष्ट्र का पुत्र | उच्, (क्रि. ) एकत्र करना । योग्य होना । उचित, (त्रि.) योग्य | मुनासिब |