पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/८४

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मास्य चतुर्वेदीकोष | ८४ स्य, (न. ) मुख सम्बन्धी । पङ्कज | आयपत्र, ( न. ) पद्म | कमल जिसका मुख ही पत्र हो । स्या, ( सी. ) स्थिति | ग्रासन | ठहरना । निवास | आस्यासव, (पुं.) थूकू । खखार । लार । श्रश्रव, (पुं.) पीड़ा । दुःख । क्लेश । बहना। भागना। निकास | अपराध | आस्वाद, ( पु. ) रस | स्वाद चखना | ह, ( . ) यह कष्टसूचक श्रव्यम है । श्राहकः, (पुं.) एक विलक्षण नाक का रोग | आहन्, (क्रि. ) मारना । पीटना | आहत (त्रि. ) ताइन किया गया। पुटीला । ज्ञात । जाना हुआ। ढक्का बाजा १ (पुं. ) पुराना या नया कपड़ा । आहव, (न. ) स्थान जहाँ शत्रु बुलाये जायँ । लड़ाई। युद्ध । यज्ञ | होम | आहवनीय, (पुं.) गृहस्थी के श्रग्नि से लेकर होम के लिये संस्कार किया हुआ अग्नि! हयन के योग्य | आहार, (पुं. ) लाना। हर लाना। किसी वस्तु को गले के नीचे करना | भोजन | अन्नादि हार्य (त्रि.) हरणीय भोजन के योग्य | लाने योग्य | आगन्तुक | अतिथि । नेपथ्य रङ्गभूमि | कृत्रिम । बनावटी | रसादिको प्रकाश करने वाले श्राभूषणादि । आहाव, (पुं.) कूए की मेंड़ के पास गौ आदि के पानी पीने के लिये पक्की चरी । हौद या छोटा कुण्ड । चोहबच्चा | लड़ाई | बुलाना आह्वान ति, (त्रि.) रखा गया। स्थापित टिकाया गया । डाला हुआ किया हुआ । संस्कारित | हिडिक, (त्रि. ) मदारी | सपेरा । आहुति, (स्त्री. ) देवता के उद्देश्य से मंत्र पढ़ कर श्रग्नि में घी डालना। देवता के लिये होम में घी प्रदान करना हुक: (पुं. ) श्रीकृष्ण के बाबा का नाम | आहुल्यं, (न. ) तगर । तरवट नामक वनस्पति । आहेय, (त्रि. ) साँप का विष । विष हो, (अव्य. ) प्रश्न | विकल्प | विचार | सन्देह । पुरुषिका, ( स्त्री. ) हङ्कार सं उत्पन्न अपने महत्त्व का विचार | दर्पजन्य आत्मोकर्ष सम्भावना स्वित् (व्य ) विकल्प | सन्देह । प्रश्न | जानने की इच्छा । दैनिक | हिक, (त्रि. ) नित्य का काम । स्नान, सन्ध्या तर्पणादि । भोजन ( न. ) समूह | ग्रन्थ का भाग । सदैव करने का काम । ह्लाद (पुं.) श्रानन्द । हर्ष श्रय, (पुं. ) नाम जुआ । आह्वान, (न. ) आहुति | बुलाना प्रसन्नता इ छ, देवनागरी वर्णमाला का तीसरा अक्षर। कामदेव का नाम । क्रोधावेश में कहा हुआ वचन तिरस्कार दया। खेद | "विस्मय | निन्दा । कुत्सा | सम्बोधन । (क्रि.) जाना । गिरना । प्राप्त करना | इक्, (प्रत्य.) याद करना । स्मरण करना । इकटा, (स्त्री.) चटाई बुनने की एक प्रकार की घास । इक्कवालः, (पुं. ) ज्योतिष में वर्षफल के सोलह योगों में का एक योग सौभाग्य | सम्पत्ति | इक्षु (पुं.) गन्ना । ऊख । पौड़ा । कोकिला नामक दूसरा एक वृक्ष इच्छा। अभिलाष इक्षुकाण्ड, (पुं.) काँस और मूँज तृण काही | गन्ना । इक्षुदर्भा, ( स्त्री. ) एक प्रकार घास | इक्षुपत्र, (पुं.) घास जिसका पत्ता गन्ना जैसा • हो । जुार | भेद ।