पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/८०

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आर्द्र चतुर्वेदीकोष | ८० आर्द्रा आईक, (न. ) अंदरक । आदी नक्षत्र में उत्पन्न । आर्ग्य, (त्रि. ) स्वामी । गुरु | सुहृद | मित्र । श्रेष्ठ । वृद्ध | योग्य | कुलीन | पूज्य | मान्य । उदारचरित । शान्त चित्तवाला । नाटकों में यह सम्बोधन प्रायः श्रेष्ठ पुरुषों के प्रति प्रयुक्त होता है । आर्यपुत्र, ( पं. ) ससुर का बेटा । पति । गुरु का पुत्र | भर्त्ता | मालिक । । आर्यमिश्र, (त्रि. ) श्रेष्ठ । मानने के योग्य | आर्यावर्त्त, (पुं. ) पवित्र भूमि | विन्ध्याचल और हिमालय के बीच की भूमि । श्राय के बसने का स्थान । पूर्व सागर से श्रारम्भ कर, पश्चिम सागर के मध्य का भूखण्ड । आर्ष, (त्रि.) ऋषिसम्बन्धी ऋषिप्रणीत - शास्त्र । आर्षविवाह, (सं.) विवाह विशेष | जिसमें बो गौ लेकर कन्या दी जाती है । आत, (पुं.) जैन सम्प्रदाय का । ल, (न. ) सजाना । ( सं . ) विश | फरफन्द | पीत सङ्ख्यिा गर्दः, (पुं. ) पनिहा साँप । आलम् (क्रि.) स्पर्श करना। छूना | पाना । मार डालना। पकड़ना । धामना । जीत लेना। आरम्भ करना । आलम्ब ( पुं. ) अवलम्ब | आश्रय । आलम्भ, (न. ) पकड़ना । स्पर्श करना । यज्ञ में बलि के लिये पशु का हनन करना । यथा “अश्वालम्भं गवालम्भम् । लय (पुं. ) घर गृह । ( [अव्य. ) मृत्यु तक । यथा “पिबत भागवतं रसमालयम् । श्रालय विज्ञान, ( न. ) लय तक रहने वाला विज्ञान | बौद्ध दर्शनानुसार अहङ्कार का स्थान विज्ञान | "" " आलवाल, ( न. ) जो चारों ओर से जल को ग्रहण करता है । खोआ । वृक्षमूल के चारों ओर जल भरने का स्थान । श्रालस्य, ( न. ) आलस । शक्ति होने पर भी अवश्य कर्तव्य में उत्साह न करना । आलान, (न. ) हाथी के बाँधने का थम्भा । रस्सा | बंधन | आलाप, ( पुं. ) बातचीत । कथोपकथन | बोलचाल । सम्भाषण । सङ्गीत के सप्त स्वर । आलि-ली, (स्त्री. ) व्यर्थ, निरर्थक | सुस्त | अर्थशून्य । बिच्छ । मधुमक्खी | सखी | पंक्ति वली। पुल । भ्रमर । भौंरा । आलिङ्गन, ( न. ) प्रीतिपूर्वक परस्पर मिलना. | लिअर (पुं. ) मटका । डहर । कूँड़ा । नाँद । आलिम्पन, ( न. ) मङ्गलार्थ लेपन । दीवालों को सफेदी से पोतना । श्रद्धा | आलीढ, चाय खाया। आहत किया । घायल किया बन्द | आलीनक, न. ) ऐसा कोमल जो भाग देखते ही पिघल जाय । आलेख्य, (न. ) चित्रपट | लेख । मूर्ति | शीशा । नक्शा । (क्रि. ) लिखना | आलुडू, (क्रि.) आन्दोलन कराणा | हिल- वाना । भलीभाँति जांच पड़ताल करना । आलुः, (न. ) उल्लू | घुग्घू | काली आबनूस की लकड़ी । आलुख, ( पुं. ) हिलने डुलने वाला | निर्बल | आलोक, ( पुं. ) देखना पहचानना । विचारना । सोचना । बधाई देना । आलोचन, (क्रि.) किसी काम को कार्यरूप में परिणत करने का निश्चय करना | विचार । सोचना । सांख्य दर्शन के अनुसार निर्वि- कल्पक शुद्ध विषयक प्रथम उत्पन्न ज्ञान । आलोल, (पुं. ) मन्द मन्द हिलता हुआ | हिला हुआ । आन्दोलित । ॠावत्, (अव्य.) सामीप्य | निकटत्व |