पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/७४

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श्री चतुर्वेदीकोष | ७४ दूसरी वस्तु, जैसे खोटे में दूध । यहाँ दूध आधे और लोटा आधार है। धोरण, (पुं. ) हाथी के चलाने की विद्या में पटु | महावत हरितपक श्रमात (वि.) फूंका। फूंक कर फुलाना | हवा या फूंक से गारना । शब्द | श्राध्मान, (पु.) लुहार की धौंकनी। फूलना । बढ़ना । वायु की बीमारी | आध्यात्मिक, (त्रि. ) मोह । ज्वरादि शारीरिक क्लेश शोक | दुःख । ध्यान, (न. ) चिन्ता | सोच । किन । उत्कण्ठा | सोत्कण्ठ | स्मरण विग्री उत्कण्ठा के साथ किसी को रमरण करना । आध्वनिक, (त्रि.) यात्री यात्रा करने वाला यात्रा करने में चतुर । आध्धरिक, (त्रि.) यज्ञ कराना जानने वाला पुरोहित | सोभयज्ञ का विधान बतलाने बाला ग्रन्थ । आध्वर्यव, यज्ञ में अर्युका करने वाला | यज्ञवेंद जानने वाला | आन, (पुं. ) सुख मुँह नाक | भीतर के वायु का नाक होकर बाहिर निकलना | स्वांस लेना । आनक, (पुं. ) मारू बाजा | लड़ाई का बाजा। बड़ा ढोल । मृदङ्ग गरजने वाला बादल । उत्साही । श्रादुन्दुभिः, ( पुं. ) वसुदेव का नाम । श्रीकृष्ण के पिता | बड़ा ढोल । आनत्, (त्रि. ) प्रणाम करने वाला | निम्न मुख | विनम्र । टिढ़ाई | आनति, ( स्त्री. ) सन्तोष | नम्रता । (क्रि. ) झुकना | नीचा होना चातिथ्य करना | सम्मान करना | आनद्ध, (न. ) चर्माच्छादित बाजा । चाम से मढ़ा हुआ बाजा । अर्थात् मृदङ्ग । नगाड़ा | तबला | ढोलक । (क्रि. ) केशों को सँवारना । गँगा हुआ । फैला हुआ । श्राम. बेधा हुआ। परिच्छद धारण करना । नयों पर गहनों का डालना । आनन, (न. ) मुँह | मुख भाग | अध्याय | परिच्छेद | ग्रन्थ | आनन्तर्य, (न.) अन्तर । तर समीप | निकट | पास । आनन्त्य, ( न. ) बाहुल्य | बहुतायत | असंख्यत्व । अनगिनती । अनन्तत्व ! सीम अमरत्व । परलोक । स्वर्ग । भावी सुख | आनन्द, (पुं. ) प्रसन्नता । हर्ष | सुख । ब्रह्म । आनन्द वाला | शिव विष्णु | बुद्धदेव के एक चचेरे भाई और उनके एक अनुयायी का नाम जिसने सूत्रों का संग्रह किया था । श्रानन्दन, (न.) चाने जाने के समय कुशल पूंछ ते जाते करें, आनन्द उत्पन्न करना समय मित्रों से मिलना प्रसन्न करने वाला । आनन्द उपजाने वाला | आनन्दमय, ( पुं. ) वेदान्तानुसार सुषुप्ति का साक्षी, प्राज्ञ जीव सुख से पूर्ण शरीर के पाँच कोपों में से एक कोष । श्रानन्दाव, ( पुं.) आनन्द का समुद्र | अर्थात् परमात्मा ज्योतिष में यात्रा समय का लग्न विशेष | आनन्दिन्, ( पुं. ) हर्ष, कौतुक, प्रसन्नता, आश्चर्य से युक्त । नयं, (सं.) असन्तानत्व | अपुत्रत्व नम्, (क्रि. ) झुकना । प्रणाम करना | नवना । श्रानर्त, (पुं. ) नाचघर | नृत्यशाला | रन | जल । द्वारका के समीप का प्रान्त अर्थात् काठियावाड़ । युद्ध | लड़ाई । सूर्यवंशी । एक राजा का नाम आनाय, (पुं.) जाल । यज्ञोपवीत संस्कार । जनेऊ धारण करना । आनव, (पुं.) मानवी । दयालु | मानव विदेशी जन | A