पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/६९

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श्रीका चतुर्वेदीकोष । ६८ आकाशदीप, ( पुं. ) याकाशदीपक अर्थात् वह दीपक जो विष्णु भगवान की प्रीति के लिये कार्तिक मास में एक बल्ली पर थाक.श में रात के समय लटकाया जाता है। आकाशवल्ली, ( स्त्री. ) श्रमरबेल । आकाशवाणी ( स्त्री.) देवता की बोली । } समेटना | व्यम । कूत ( न. ) अभिप्राय । श्राशय । आकृ, (क्रि. ) समीप लाना। नीचे लागा | सम्पूर्ण प्रस्तुत करना | बुलाना । चिनौती देना । उत्पन्न करना । किसी से कोई वस्तु माँगना | श्राकृति, ( स्त्री. ) श्राकार | जाति । रूप | देह । बानगी । कृति, (स्त्री.) घोषा नाम की एक श्राख लता । केक ( स्त्री. ) दृष्टि विशेष | आधी खुली, आधी हुँदी । के, (व्य. ) समीपवर्त्ती | बुद्धिमान | श्राक्रन्द, (क्रि. ) रोना | दहाड़ मार कर रोना। चीख मारना। चिल्लाना गरजना ( सं. ) शब्द | युद्ध का शब्दविशेष | मित्र | त्राता | भाई | घोर युद्ध । रोने का स्थान राजा जो अपने मित्र राजा को दूसरे को सहायता देने से रोकता है। आक्रम, (पुं. ) चढ़ाई करना । धावा करना । समीप जाना । अधिकृत कर लेना । ढक लेना । आक्रमण, (न. ) धावा । चढ़ाई | क्रड (पुं.) खेल की जगह या मैदान । आकाशवाणी!, वह वाणी जिसका बोलने | 'आपणं, (न.) व्रत | उपवास | छोड़ा वारी । वाला न दीख पड़े | कञ्चनं, श्राकिञ्चन्यं, (न.) धनहीनता | "गरीची | निर्धनता | आक्षपारिक, (पुं.) पाँसे का खेल देखने वाला न्यायकर्त्ता शासक की, (त्रि. ) व्याप्त | फैला हुआ | आकुञ्चन, (न. पद, (पुं.) अक्षपाद या गौतम का सिखलाया हुआ । न्यायशास्त्र का अनुयायी | सिकोडना फैले हुए को एकत्र करना। क्ष, (क्रि. ) गाली देना । झूठा दोप आकुल, (त्रि. ) व्याकुल घबड़ाया हुआ | लगाना । आक्षर (पुं. ) व्यभिचार अथवा लम्पटता सम्बन्धी पुरुष या स्त्री का दोष पर पुरुष श्रथवा स्त्री के साथ सम्भोग करने का दोष | . 7 आक्रोश (पुं. ) निन्दा । चीन । हल्ला गुल्ला कोलाहल | शपथ गाली गलौज | श्राद्यतिक, (न. ) पांसे के खेल में उत्पन्न विरोध या वैर । चिल्लाहट | किरिया | आक्षि, ( कि. ) रहना | ठहरना । वास करना स्थितशील होना अधिकार करना | श्रीव, (पुं.) मत्त । मतवाला मस्त । आक्षेप (पुं.) घुड़कना । कलङ्क लगाना | खेचना धनादि की धमानत रखना। अलङ्कारभेद | श्रोट-ड, अखरोट का वृक्ष । ख, (पुं.) कुदाली । फावड़ा | खण, ( न. ) कड़ा। सख्त | खण्डल, (पुं.) पर्वतों को तड़काने या फाइने वाला | इन्द्र | याखनिक ( पुं.) चोर । सुधर मूँसा | चूहा | खोदने वाला | आखर, (पुं.) कुदाली । फावड़ा । कुल्हाड़ी । तबेला या किसी भी जानवर के रहने का घर । खत (न. ) अपने आप बना हुआ जला- • शय। खाड़ी ।