पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/६४

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अषा चतुर्वेदीकोष । ६३ अषाढ़, (पुं. ) वर्षाऋतु का प्रथम मास । अषा-शा-ढ़ा·ड़ा, ( स्त्री. ) पूर्वाषाढ़ और उत्तराषाद दोनों नक्षत्र | मास विशेष | अष्टक, ( न. ) पाणिनिरचित अष्टाध्यायी व्याकरण सम्बन्धी ग्रन्थ । आठ अध्यायों का ऋग्वेद का प्रत्येक भाग । ऋग्वेद में ऐसे आठ भाग हैं । अष्टक (स्त्री. ) वौष । माघ और फाल्गुन की कृष्णाष्टमी | अष्टन्, (त्रि.) आठ सङ्ख्या | श्रष्टधा, (श्रव्य.) आठ प्रकार से । अष्टधातु ( न. ) आठ धातुवें; अर्थात् १ सोना । २ चाँदी | ३ ताँबा | ४ पीतल | ५ काँसा । ६ जस्ता । ७ राँगा और ८ लोहा | अष्टपाद, (पुं.) आठ पैर वाला । मृगविशेष | मकड़ी का जाला । शरभ अष्टमङ्गल, (पुं.) आठ माङ्गलिक द्रव्यों का समूह | अर्थात् १ ब्राह्मण । २ गौ । ३ अग्नि | ४ सोना । ५ घी । ६ सूर्य । ७ जल । ८ राजा | मतान्तरे- सिंह | बैल | हाथी कलसा पंखा । माला | नगाड़ा और दीपक शुभ घोड़ा जिसके आठ अङ्ग सफेद हों - अर्थात् चारों खुर। छाती पूंछ । मुख और पीठ | 2 . अष्टमान, (न. ) तौलविशेष । श्राठ मुट्ठी भर । बत्तीस तोले भर । अष्टमी (स्त्री. ) श्राठों को पूर्ण करने वाली । पन्द्रह कलावाले चन्द्रमा की आठवीं कला की क्रिया | तिथि ठें । अष्टमूर्त्ति, ( पुं.) पृथिवी आदि ठ मूर्ति वाले शित्र | अष्टलौक, (न. ) आठ धातुओं का समुदाय | श्रष्टाकपाल (पुं.) ठमट्टी के पात्रों में शुद्ध किया गया चरु । इसी चरु के द्वारा यज्ञ किया जाता है । यज्ञ । सरयूपारी ब्राह्मणों का एक भेद | अङ्ग (पुं.) अङ्गाला | योगविशेष | अस यम नियम । श्रासन | प्राणायाम । प्रत्या- हार | ध्यान धारणा और समाधि- योग के श्रृङ्ग हैं। जानु । पैर हाथ । छाती | बुद्धि । शिर | वचन और दृष्टि से किया गया प्रणाम जल दूध कुशाम दही । घी । चाँवल । जौ और सिद्धार्थक से बनाया हुआ पूजन का अर्ध । अष्टादशन्, (त्रि. ) अठारह । अठारहवां । अष्टादशाङ्ग, (पुं. ) अठारहवाला | अष्टादश · पुराण, ( पुं. ) अठारह पुराण | अर्थात् १ ब्राह्म । २ १ | ३ विष्णु । ४ शिव । ५ भागवत । ६ नारदीय | ७ मार्कण्डेय | ८ अग्नि । ६ भविष्य । १० ब्रह्मवैवर्त्त । ११ लिङ्ग । १२ वा राह । १३ स्कन्द 1 १४ वामन । १५ कौर्म । १६ मत्स्य । १७ गारुड | १८ ब्रह्माण्ड । अष्टावक्र, ( पुं. ) एक प्रसिद्ध पौराणिक ऋषि जो कहांड़ के पुत्र थे । अष्टिः, (स्त्री.) खेलने का पांसा | एक वर्णिक छन्द जिसमें चौंसठ वर्ण हों । सोलह । बीज । अष्टा, ( सं . ) गोरू हाँकने की कौलदार छड़ी। चाबुक रथ के पहिये का एक भाग | अष्ठिः, ( स्त्री. ) पत्थर | बीज । गरी। गूदा | अष्ठील।, (स्त्री.) गोल पत्थर । एक प्रकारकी बीमारी- जिसमें नाभि के नीचे गोलाकार सूजन हो जाती है । मूत्रसम्बन्धी रोग । चोट का नीला चिह्न । बीज श्रष्ठलिका, (स्त्री.) एक प्रकार की फुड़िया | कंकड़ी । अस्, (क्रि. ) लेना और जाना । होना । संस्कृत (त्रि. ) गर्भाधान संस्कारों से रहित । व्याकरण के संस्कार से शून्य । अपशब्द । बिगड़ा हुआ शब्द | असकृत् (अन्य ) बार बार |