पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/६३

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श चतुर्वेदकोष । ६२ बकुल वृक्ष पारा कडकवृक्ष । एक राजा का नाम । ( स्त्री. ) शांकरहित । अशोच्य, (न.) जो शांक करने योग्य न हो । अशीच ( न.) शुद्ध | शुचिरहित | सूतक | अश्म, (सं.) पहाड़ | बादल | पत्थर | मगर्भ, ( पुं. ) मरकतमणि । पन्ना । अश्मन (पुं.) पाषाण फोड़ने वाला वृक्ष । अश्मन्, (पुं. ) पर्वत । मेध | पत्थर । ( न. ) लोहा । अश्मन्तक, ( पुं. न. ) । एक प्रकार का तृण विशेष | अम्लोट नामक वृक्ष | अश्मभाल, (न. ) लोहे का इमामदस्ता | खल और लोदा | लगातार | अश्रिी श्री (स्त्री.) का प्रभाग | अप अश्वबाल, (पुं.) घोड़े के केश | अश्वमुख, (पुं.) किन्नर देवता विशेष । अश्वमेध, (पुं. ) यज्ञ जिसमें घोड़े का बलि- दान किया जाता है I अश्मरी ( स्त्री. ) पथरी का रोग | अश्मरीघ्र (पुं. ) वरुण वृक्ष पथरी रोग अश्वरोधक (पुं. ) करवीर वृक्ष घोड़े को रोकने वाला । को हटाने वाला । अश्मसार, (पुं. न. ) लोहा । अथ या स्त्र, (न. ) नेत्रजल | आँसू | लोहू | अथान्त, (त्रि. ) सन्तत | सदैन । निरन्तर | श्ववार, (पुं. ) घोड़े को रोकने अथवा स्वीकार करने वाला घुड़सवार । चाबुक सवार । धार | श्रीहीन | शोभारहित । अधु-स्रु, ( पुं. ) आँसू अश्रुत, (त्रि.) धनसुना । अश्लील, (न.) लजाने वाली गँवारू बोली | घृणा । गाली गलौज | अपशब्द | अश्लेषा (स्त्री. ) एक नक्षत्र का नाम । यह नवां नक्षत्र है। अनमिल | अश्लोन, ( गु. ) जो लङ्गड़ा न हो । अश्व, (पुं. ) घोड़ा । तुरङ्ग । घोटक । अश्वकर्ण, (पुं. ) सालवृक्ष । घोड़े का कान अथवा जिसका कान घोड़े के कान जैसा हो । अश्वखरज, (पुं.) खच्चर । श्वर, (पुं) अपराजिता लता । अश्वन, (पुं. ) करवीर का पेड़ | इसे यदि घोड़ा खाय तो वह मर जाय। कनैल । c अश्चतर (पुं. ) टुआ। छोटा घोड़ा | ख्रश्चर। इस नाम का एक नाग भी हो गया । अश्वत्थः, (पुं. ) पीपल गर्धभाण्डक वृक्ष । अश्वत्थामन् (पुं.) द्रोणाचार्य का पुत्र यह भी बड़ा वीर था और इसने भी युद्ध में बड़ी वीरता दिखलाई थी। अश्वपाल (पुं. ) सास का पालने वाला । श्वन (त्रि.) एक दिन के निर्वाह के लिये अन्नादि । वाभिधानी, ( श्री. ) जिससे घोड़ा पकड़ा जाय | घोड़ा बाँधने की रस्सी घोड़े की धागे पिछाड़ी की रस्सी अश्वार, (पं.) महिष | भैंसा | घोडेका शत्रु | अश्वारोह (पु.) घुड़सवार। (श्वगन्धा ) | अश्विन्, (पुं. ) जिनके घोड़े हो | स्वर्गवासी | वैद्य | अश्विनीकुमार । अश्विनीकुमार, (पुं. ) सूर्य घोड़ी रूपिणी स्त्री सूर्य से उत्पन्न हुए यमज पुत्रों का नाम अश्विनीकुमार है। अश्वोरस, (न.) अच्छा घोड़ा । व्, (कि.) चमकना । लेना जाना । हिलना । अषक्षीण, (त्रि.) छः आँखों से नहीं देखा गया अथवा केवल दो ही पुरुषों की मन्त्रणा या विचार |