पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३९६

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स्नुषा चतुर्वेदीकोष । ४०० स्नुषा, ( स्त्री.) बहू | पुत्र की स्त्री | स्नेह, ( पुं. ) प्रेम । तेल । स्नेहन्, (न.) तेल की मालिश । स्नेहभू, ( स्त्री. कफ | स्नेहपात्र | स्नेहिन्, (पुं. ) बन्धु । ( त्रि. ) स्नेह वाला | सद्, (क्रि. ) थोड़ा काँपना | स्पन्द, (पुं.) थोड़ा सा हिलना। आँख का फड़कना । स्पर्द्ध, (क्रि.) बहुत प्रसन्न होना। दूसरे को दबाने की इच्छा करना । स्पर्द्धा, ( स्त्री. ) प्रसन्नता । दूसरे को दबाने की इच्छा बराबरी । उन्नति । स्पर्श, ( कि. ) पकड़ना । नूना | चुराना । स्पर्श, (पुं.) पकड़ना । रोग युद्ध गुप्तचर | उपपातक । ( पुं.) वायु (6 क" से ले कर "ल" तक, वर्ण । स्पश, ( पुं. ) चर | दूत | युद्ध | स्पष्ट, (त्रि. ) व्यक्त | प्रकट | स्फुट | साफ स्पृष्ट, (त्रि. ) छुआ हुआ । ( न. ) छूना | स्पृटास्पृष्टि, (न. ) छुआछूत | स्पृह्, (क्रि. ) चाहना | इच्छा करना । स्पृहणीय, (त्रि.) वान्छनीय | चाहने योग्य | स्पृहयालु, (त्रि.) चाहने वाला | स्पृहा, ( स्त्री. ) इच्छा । चाह । स्पृह्य, (त्रि.) वान्छनीय | स्फट्, (कि. ) फटना | स्फटीक, } (पुं.)सूर्यकान्तमणि। बिल्लौर पत्थर। स्फर्टिकाचल, ( पुं. ) कैलास पर्वत । बिल्लौर पत्थर का पहाड़ । स्फायू, (क्रि. ) बढ़ना। स्फाति, ( स्त्री. ) बढ़ना। स्फार, ( पुं. ) सोने का बुलबुला । (त्रि.) चौड़ा | चमकीला । बहुत । स्फारण, (न.) खिलाव | । स्फिचू, ( स्त्री. ) कटिदेश | नितम्ब | चूतड़ स्फिर, (त्रि.) बहुत बढ़ा हुआ । स्फुट्, (क्रि. ) खिलनां । स्मार्त्त स्फुट, (त्रि.) खिला हुआ | टूट गया | सफेद । स्फुटा, ( स्त्री. ) साँप का फन । स्फुटन, (न. ) फटाव | विदलीभाव | स्फुर्, (क्रि. ) फुरना । स्फुरण, ( न. ) थोड़ा थोड़ा हिलना । स्फुर्ज, (क्रि. ) बादल की गड़गड़ाहट जैसा शब्द करना । स्फुल, ( न. ) तम्बू | स्फुलिङ्ग, ( पुं. स्त्री. ) आग की चिनगारी | स्फूर्जथु, (पुं.) वज्र के गिरने का शब्द | स्फूर्ति, ( स्त्री. ) फ़रना । फुर्ती | खिलना । प्रतिभा | स्फूर्तिमत्, ( पुं. ) पाशुपत नामी शिवभक्त । (त्रि. ) फुर्तीला । खिला हुआ । प्रतिभा- शाली । स्फेय, ( त्रि. ) अतिप्रचुर | बहुत ही । स्फोट, (पुं. ) फोड़ा । स्फोटक, (पुं. ) फोड़ा। फोड़ने वाला । स्फोटन, (न. ) विदारण | विकाशन | (स्त्री.) मणि में छेद करने का औजार । स्फोटायन, (पुं. ) व्याकरणवेत्ता एक मुनि विशेष | स्फ्य, (न. ) खड्ड़ के आकार का यज्ञीय काष्ठ | स्म, ( श्रव्य । ) बीत गया | पाद को पूरा करना | स्मय, (पुं. ) हङ्कार | अभिमान | श्राश्चर्य | स्मर, ( पुं. ) कामदेव । ( कि. ) याद करना । स्मरगृह, (न. ) स्मरमन्दिर । योनि । स्मरण, (न. ) स्मृति । याददाश्त । स्मरदशा, ( स्त्री. ) कामियों को दस दशा विशेष | स्मरहर, (पुं.) महादेव | स्मराङ्कुश, ( पुं. ) नख । नाखून | स्मरासव, (पुं.) मद्य विशेष । स्मार्त्त, (त्रि. ) शैव, वैष्णव आदि से भिन्न पाँचो देवताओं के उपासक सम्प्रदाय विशेष के मानने वाले । स्मृति शास्त्र पढ़ने वाला | स्मृति में कहा हुआ सिद्धान्त |