पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३९७

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स्मि स्मि (किं. ) हैरान होना। 7 स्मित, (न. ) मुसक्याना| थोड़ा सा हँसना । स्मृ (कि. ) याद करना । स्मृत, (त्रि.) याद किया हुआ | स्मृति, ( स्त्री. ) स्मरणशक्ति । याददाश्त | मनु श्रादि महर्षि प्रोक्त धर्मोपदेशक शमन 1 स्मृतिहेतु (पुं.) संस्कार । वासना रूप गुण विशेष | स्मेर, (त्रि.) खिला हुआ । स्यद, (पुं. ) वेग | जोर। स्यन्द्, (कि. ) बहना। स्यन्द, (पुं.) बहाव चूना स्यन्दन, (न. ) वहना। जल | रथ | ( पुं. ) तिनिस का पेड़ | स्यन्दनारोह, ( पुं. ) रथ पर चढ़ कर लड़ाई | लड़ने वाला । स्यन्दिन, (त्रि. ) प्रसवी | बहने वाला । स्यन्न, (त्रि.) वहा हुआ। स्यम्, (कि. ) शब्द करना | स्यमन्तक, ( पुं.) एक विशेषमणि जो सत्राजित् को तप करने पर सूर्य से मिली थी और जिसकी चोरी श्रीकृष्ण को लगी थी, फिर में श्रीकृष्ण के पास भी थी, उसमें कई भार सोना नित्य उत्पन्न होता था और उसमें बड़ा गुण यह था कि जहाँ वह रहती वहाँ अकाल नहीं पड़ता था । स्यूत, (त्रि. ) सिंया गया । ( पुं. ) कपड़ा । स्यूति, ( स्त्री. ) सींवन | सिलाई । संसन, (न. ) नीचे गिरना | स्रंसिन्, (त्रि. ) नीचे गिरने वाला | स्रग्वत्, (त्रि.) माला वाला | माला धारण किये हुए | ( अ ) माला के समान | स्रज्, ( स्त्री. ) माला । संस्, (क्रि. ) गिरना। स्रम्भ (क्रि.) विश्वास करना । स्रुच स्राव, तुर्वेदकोष । ४०१६ } (पुं. ) बहना । झरना - स्वत कावण, ( न. ) मूत्र | जल | पसीनी । स्रवन्त, ( सी. ) नदी | एक औषध | (त्रि.) बहने वाला | स्रष्टृ, ( पुं. ) ब्रह्मा | शिव । (त्रि. ) सृष्टिकर्ता | त्रस्त, ( त्रि. ) च्युत । पतित । गिरा हुआ । स्रस्तर, ( पुं. ) आसन । त्राकू, (अव्य ) झट | त्वरित । स्रु, ( क्रि० ) जाना | स्रुघ्न, ( पुं. ) एक देश | स्रु, (खी. ) सवा | स्रुत, (त्रि.) बहा हुआ। गया । (स्त्री ) हींग के वृक्ष की पत्ती । स्रुव, ( पुं. ) खैर की लकड़ी का बना हुआ स्रोत, ( न. ) सोश | प्रवाह | यज्ञीय पात्र विशेष जिससे घी होमाजाता है। स्रोतस्र, (न. ) वेग से पानी का निकास | वीर्य्य | रेतस् । स्रोतस्वत्, (त्रि. ) भारता । (खीं.) नदी | स्रोतस्विनी, ( स्त्री. ) नदी । ( त्रि. ) प्रवाह वाली । स्रोतोञ्जन, (न. ) सौवीर देश का काजल । सुरमा | स्रोतोवहा, ( स्त्री. ) नदी । स्व, (न.) धन । ( पुं. ) श्रात्मा | ज्ञाति । ( त्रि. ) अपना | स्वकर्मन्, (न.) अपना काम स्वकीय, (त्रि. ) अपना S स्वगत, (त्रि.) मनोगत | मन की बात | स्वच्छ, (त्रि.) बहुत निर्मल । ( पुं.) मोती | स्फटिक | स्वच्छन्द, (त्रि.) स्वाधीन | स्वतंत्र | स्वच्छ्रमणि, (पुं.) बिल्लौर । स्वज, (न.) रुधिर | लोडू | ( पुं. ) पुत्र | ( त्रि. ) अपने से उत्पन्न हुआ। स्वजन, (पुं. ) ज्ञाति । जात । अपने लोग | स्वतन्त्र, (त्रि.) स्वाधीन । स्वतस्, ( श्रव्य. ) आपही