पृष्ठम्:चतुर्वेदी संस्कृत-हिन्दी शब्दकोष.djvu/३८

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अन्त्य चतुर्वेदकोष | ३७ अन्य (पुं. ) सब से पीछे का | चण्डाल | (त्रि.) अधम । अन्त में होनेवाला चरमस्थ | ( न. ) रेवती नक्षत्र | मीन राशि | संख्या अन्धतमस्, (न.) बड़ा अँधेरा । विशेष । १०००००००००००००००। अन्धतामिस्र, (पुं.) नरक विशेष | अन्त्यजः, (पुं. ) . नीच जाति विशेष । अन्त्यजन्मा, (पुं.) जिस का जन्म अन्त में हुआ हो । शद्ध | अन्त्यजाति, (पुं.) चाण्डाल आदि सांत अन्धमूषिका, ( स्त्री. ) औषध विशेष | देव- ताड़ का वृक्ष । वैद्यकशास्त्र में लिखा है कि .इस के उपयोग से अन्धों की आंखें अच्छी हो जाती हैं । अन्धस, (न. ) भात । श्रोदन | चावल । अन्धिका, ( श्री. ) युति विशेष | सिद्धा नाम की श्रोषधि | नेत्ररोग विशेष | जाति । अन्त्यवर्णः, ( पुं. ) शूद्र । अन्तिम वर्ण । चन्त का अक्षर । अन्त्यावसायी, (पुं. ) चाण्डाल के चौरस और निषाद जाति की स्त्री के गर्भ से उत्पन्न पुत्र | अन्त्येष्टिः, ( स्त्री. ) मृतक का अन्तिम संस्कार | श्राद्ध । पिण्ड दानादि किया । अन्त्रम् (न. ) शरीर के अवयवों को बांधने वाली शिरा तड़ी । पुरीतत नाम को नाड़ी । - श्रन्त्रवृद्धिः, (खी. पुं. ) रोगविशेष कोश की वृद्धि | अन्दुक, ( पुं. ) हाथी के पैर की बेड़ी । सिकड़ | जिस से हाथी बांधे जाते हैं । अन्दूः, ( स्त्री. ) निगड़ । बेड़ी । पैर का भूषण विशेष | अन्धु (धा.प.) नदिखना | दर्शन का . अन्धकूपः, (पुं. ) अँधेरा था | एक नरक का नाम । अभाव । · अन्धः, ( पुं. न. ) तिमिर । अन्धकार । श्रदर्शनात्मक । श्रज्ञान | ( त्रि.) क्ष रहित | नेत्रहीन | ( पुं. ) भिक्षुक । अन्धक, (पुं.) देश विशेष । एक मुनि का नाम । यदुवंशी एक राजा का नाम एक दैत्य का नाम। हिरण्याक्ष पुत्र | करः, (पुं.) न्धक नामक दैत्य का शत्रु । शिव महादेव । अन्धकारः, (पुं. ) प्रकाश का प्रभाव | तम। अँधेरा । अन्धुः, (पुं. ) कूप । कूंआ अन्धुल, (पुं.) शिरीष का वृक्ष । अन्ध्र, (पुं.) चाण्डाल विशेष | देश विशेष | तेलङ्ग देश । अन्न, (न. ) भात | श्रोदन पके हुए चावल । कच्चा धान्य । जौ घना आदि। पृथिवी श्रन्न उत्पन्न करने के सम्बन्ध से पृथिवी भी श्रन्न कही जाती है । श्रकोष्ठक, (पुं.) अन रखने का छोटा कोठा कोठी । गोला । मण्डी । जहां बिकता है। . अन्नगन्धिः, (पुं. ) रोगविशेष | उदररोग | अतिसार । अन्नदः, (त्रि.) अन्नदाता | अन्न देनेवाला । अन्नदा, (स्त्री) काशी की अन्नपूर्णा देवी । अन्नदाता, (पुं.) स्वामी । प्रभु । अन्नपूर्णा (स्त्री) अपने नाम से प्रसिद्ध देवी ये काशी में हैं । अन्नप्राशनम्, (न. ) संस्कार विशेष प्रथम श्रन्न भक्षण | छठवें या आठवें महीने बालक को पांचवें या सातवें महीने बालक को जो पहले अन्न दिया जाता है। अन्नमयः, ( पुं. ) स्थूल शरीर मचकोशों में का पहला कोश | अन्नविकारः, ( पुं. ) धन के विकार से उत्पन्न | रेत ! शुक| वीर्य ।